(बैतूल) तहसीलदार के प्रतिवेदन पर खनिज विभाग नहीं बना रहा अवैध भंडारण का प्रकरण,
- बैतूल-इंदौर फोरलेन बना रही बंसल कंपनी पर इतनी मेहरबानी क्यों,
- आखिर बंसल कंपनी पर कार्रवाई से क्यों बच रहा है खनिज विभाग..? 
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बैतूल जिले में खनिज विभाग की कार्यप्रणाली हमेशा से ही संदिग्ध रही है और लोग उस पर खुलेआम सवाल उठाते हैं। अब हाल ही में बैतूल में इंदौर तक फोरलेन बना रही बंसल कंपनी की कार्यप्रणाली और उसको लेकर खनिज विभाग की वर्किंग स्टाईल खासी चर्चा में है। जहां देखो इसी बात की चर्चा होती है कि बंसल कंपनी जिस ढंग से खनन कर रही है और नियमों का भी खुला उल्लंघन कर रही है। फिर भी खनिज विभाग आखिर इस कंपनी के खिलाफ ठोस कार्रवाई क्यों नहीं करता है? एक मामला ऐसा है कि जिसमें खनिज विभाग और राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर ही गंभीर सवाल खड़ा होता है। चिचोली तहसीलदार ने बंसल कंपनी के अवैध भंडारण को लेकर प्रतिवेदन बनाया और कार्रवाई के लिए जिला खनिज अधिकारी को भेजा था। इस प्रतिवेदन पर पांच माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई कोई प्रकरण नहीं बनाया गया इससे शासन को राजस्व का नुकसान हुआ है?

- यह है वह मामला जिसमें खनिज विभाग प्रतिवेदन दबाकर बैठा...
चिचोली तहसीलदार के प्रतिवेदन के अनुसार 8 सितम्बर 2021 को जो भी स्थित भूमि खसरा नं 22/1, रकबा 0.720 हेक्टेयर भूमि में गिट्टी का भंडारण पाया गया। जिसका मौके पर पंचनामा बनाया गया। यहां पर राष्ट्रीय राजमार्ग के फोरलेन निर्माण करने वाली बंसल कंपनी के डम्पिग मैनेजर नरेश पिता विजय सिंह राजपूत निवासी सागर हाल मुकाम गढ़ा कैम्प जिला बैतूल द्वारा बताया गया कि उक्त डम्प की गई गिट्टी फोरलेन निर्माण कर रही बंसल कंपनी की है और मैनेजर के पास डम्पिग के संबंध में आवश्यक अनुमति की कोई जानकारी या दस्तावेज नहीं था। उपरोक्त मामले में तहसीलदार चिचोली में जिला खनिज अधिकारी से नियम अनुसार कार्रवाई के लिए निवेदन किया था। पांच महीने गुजर जाने के बाद भी इस मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिला खनिज अधिकारी का कहना है कि कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को पावर डेलीगेट कर रखे हैं इसलिए वे भी प्रकरण बना सकते है। जब वे खुद प्रकरण बना सकते हैं तो खनिज विभाग को प्रतिवेदन क्यों भेज रहे है?

सवाल : 01 - पाँच महीने से प्रतिवेदन का निराकरण क्यों नहीं...
- खनिज विभाग को जब 9 सितम्बर को ही तहसीलदार चिचोली ने प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया था तो ऐसी स्थिति में खनिज विभाग ने अब तक उस प्रतिवेदन का निराकरण क्यों नहीं किया? प्रतिवेदन को डम्प करके क्यों रखा गया है?
सवाल : 02 -  चिचोली तहसीलदार ने वरिष्ठ अधिकारियों को क्या अवगत कराया...
 - पूरे मामले में जब 6 महीने में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो ऐसी स्थिति में चिचोली तहसीलदार ने एसडीएम बैतूल, कलेक्टर बैतूल को प्रतिवेदन के संबंध में अवगत क्यों नहीं कराया?
सवाल: 03 - प्रकरण नहीं बनने से क्या राजस्व का नुकसान...
- प्रकरण नहीं बनाने से क्या राजस्व का नुकसान हुआ है? भंडारण की अनुमति न होने पर वहां जो गिट्टी डम्प थी वह अवैध मानी जाती है और ऐसी स्थिति में खनिज विभाग प्रकरण बनाता तो जुर्माने के रूप में राजस्व मिलता?
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 22 फरवरी 2022