(बैतूल) संत के आश्रम में उमड़ा आस्था का सैलाब,
- महाभण्डारे में हजारों लोगों ने सामूहिक रूप से कतार बद्ध बैठकर ग्रहण की भोजन-प्रसादी
चिचोली / बैतूल (हेडलाईन )/नवल-वर्मा । प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के 2 दिन बाद चिचोली नगरीय क्षेत्र से 1 किलोमीटर दूर क्षेत्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री तप श्री बाबा के आश्रम में आज एक बार फिर हजारों लोगों ने सामूहिक रूप से बैठकर भोजन प्रसादी ग्रहण की।
श्री तपश्री बाबा के प्रति अगाध आस्था का नजारा आज सोनपुर में देखने को मिला। भंडारे को लेकर कल से ही तैयारीया व्यापक स्तर पर की जा रही थी। सुबह से ही इस धार्मिक स्थान पर सैकड़ों लोगों की भीड़ पहुंचने लगी थी।


गुरुवार को पूरे दिन श्री तपश्री आश्रम में हजारों लोगों की भीड़ नजर आई !लोगों ने यहां पर पहुंचकर संत श्री तपश्री बाबा की समाधि पर मत्था टेका और संयमित रूप से सामूहिक तौर पर बैठकर एक साथ भोजन प्रसादी ग्रहण कर समरसता का भी परिचय दिया ।
 गौरतलब है कि कभी यह क्षेत्र सोनपुर वीरान हुआ करता था, लेकिन श्री तप श्री बाबा के बारे में मान्यता है कि, इस स्थान पर संत के कदम पढ़ते ही यह वीरान पड़ा क्षेत्र फिर से मानवीय चहल-पहल से आबाद हो गया ।
इससे पूर्व श्री तप श्री बाबा ने झापल के निकट सघन वन क्षेत्र में अपना आश्रम स्थापित कर वर्षों बरस तक वन क्षेत्र में कठोर साधना की थी। इस स्थान से पांच नदियां निकलती है जिसमें गंजाल, मोरण -खांडू -भाजी और काजल शामिल है । जो बरसों से इस क्षेत्र को अपने कल कल प्रभाह से पल्लवित करते चली आ रही है ! मान्यता है कि श्री तप श्री आश्रम झापल मे जिस स्थान पर बाबा ने वर्षों तलक साधना की थी । वृतात है कि इस स्थान पर कपिल मुनि ने भी तप कर चिमटे की चोट से पहाड़ के शिखर पर पानी के कुंड को प्रगट किया था। आज भी यह कुंड श्री तप श्री आश्रम झापलमें मौजूद है । सघन वन क्षेत्र होने से यहां पर अक्सर जंगली जानवर भी वितरण करते नजर आ जाते हैं । कहते हैं कि ,संत के प्रभाव से यहां पर हिंसक प्राणी भी अपनी हिंसक प्रवृत्ति छोड़कर सरल और सहज हो जाते थे।


 श्री तपश्री बाबा के अनुयायियों के आत्मविश्वास के चलते चिचोली नगरीय क्षेत्र के निकट सोनपुर में लगभग 40 वर्षों से निरंतर क्षेत्र का सबसे बड़ा भंडारा आयोजित होते चला आ रहा है जिसमें हजारों लोग एक साथ बैठकर भोजन प्रसादी करते हैं। इस भंडारे की खास बात यह है कि यहां पर स्वत: ही नागरिक पहुंचकर अपनी सेवाएं भी देते हैं और भंडारे के लिए दान भी करते हैं।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 04 मार्च 2022