(बैतूल) लोक उपयोगी अदालत के 2021 में दिए आदेश का पालन नहीं ,

- अदालत के आदेश की अवमानना के मामले में कलेक्टर और डीईओ पर दायर होगा केस

बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । निजी स्कूलों में अंधाधुन्ध कमाई के लिए किताबों को भी धंधा बना लिया गया है। कमीशन के चक्कर में बच्चों को महंगी और ज्यादा किताबें खरीदनें पर मजबूर किया जाता है और इन किताब कापियों की वजह से बस्ते का वजन मनमाना हो जाता है। अत्यधिक वजन की वजह से बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर भी सीधा असर पड़ता है। इन स्थितियों को देखते हुए अधिवक्ता राजेश मालवी की तरफ से  अधिवक्ता गिरीश गर्ग ने एक याचिका स्थाई लोक उपयोगी अदालत में लगाया था। जिसमें कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को स्पष्ट आदेश दिए थे कि बैतूल तहसील के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में बस्तों के वजन को लेकर नियमों का पालन कराएंगे पर ऐसा हुआ नहीं।

 

- गाईड लाईन के पालन का आदेश...

26 फरवरी 2021 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एसके मंडलोई ने जारी आदेश में कहा था कि बैतूल तहसील में संचालित समस्त शासकीय और अशासकीय स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा नर्सरी से 12 तक के छात्रों के बस्तों के वजन के संबंध में मानव संसाधन विभाग की गाईडलाईन का पालन सुनिश्चित करें।

 

- निगरानी समिति बनाने के आदेश...

इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि जिला शिक्षा अधिकारी एक निगरानी कमेटी का गठन करेंगे। जिसमें उस क्षेत्र के शिक्षण संस्थान स्थित है तथा इस कमेटी में एक वरिष्ठ समाजसेवी संस्था में अध्ययनरत छात्र-छात्रा के पालकों का कोई प्रतिनिधि एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी को सदस्य के रूप में रखा जाए।

 

- हर माह देना था जांच प्रतिवेदन...

जो निगरानी कमेटी बनाई गई थी उसे यह प्रतिवेदन देना था कि मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय नईदिल्ली द्वारा जारी गाईड लाईन का पालन समुचित रूप से हो रहा है अथवा नहीं। इसमें जिला शिक्षा अधिकारी एवं कलेक्टर को प्रत्येक माह की 15 तारीख तक अपना पालन प्रतिवेदन विधिक सेवा प्राधिकारण को भी देना था।

 

- कक्षा 11 एवं 12 के लिए भी थे निर्देश...

विधिक सेवा प्राधिकरण की लोक उपयोगी अदालत में कक्षा 1 से 10 तक के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की गाईड लाईन का पालन करने के निर्देश तो दिए थे, लेकिन साथ में ही कक्षा 11 एवं 12 वीं के लिए भी यह निर्देश दिए थे कि इस संबंध में यदि मप्र शासन या केन्द्र सरकार के दिशा निर्देश हो तो पालन किया जाए।

 

- इनका कहना ...                  

- शिक्षा विभाग द्वारा लोक उपयोगी अदालत के आदेश का पालन नहीं किया गया है। इसलिए अब कलेक्टर और डीईओ पर एफआईआर के लिए वाद लगाया जाएगा।

-गिरीश गर्ग, अधिवक्ता, बैतूल।

 

- अधिकारियों ने आदेश के बाद कभी भी किसी भी स्कूल में जाकर बस्तों का वजन चेक नहीं किया। इन्होंने अदालत के आदेश की अवमानना की है। इसलिए अवमानना को लेकर केस लगाएंगे।

- राजेश मालवी, पक्षकार।

 

- यह होना चाहिए बस्तों का वजन...

कक्षा            वजन

1 से 2        1.5 किलो

3 से 5        2 से 3 किलो

6 से 7        4 किलो

8 से 9        4.5 किलो

10                5 किलो

नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  31 जुलाई 2022