(बैतूल) लल्ली चौक पर लगा होर्डिंग अल्पसंख्यक समुदाय से कांग्रेस नेताओं के मजबूत संबंधों का उदाहरण , - अल्पसंख्यक कार्ड खूब चला इसलिए दहाई के अंक पर भी पहुंची कांग्रेस
(बैतूल) लल्ली चौक पर लगा होर्डिंग अल्पसंख्यक समुदाय से कांग्रेस नेताओं के मजबूत संबंधों का उदाहरण ,
- अल्पसंख्यक कार्ड खूब चला इसलिए दहाई के अंक पर भी पहुंची कांग्रेस
बैतूल(ईएमएस)/नवल-वर्मा । इस बार नगरपालिका चुनाव में जो कांग्रेस का प्रदर्शन रहा है उसमें अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय ने अपनी पूरी ताकत के साथ कांग्रेस का साथ निभाया और इसलिए भी कांग्रेस दहाई के अंक तक पहुंच गई। अन्यथा बमुश्किल दो तीन पार्षद ही जीत पाते। कांग्रेस के जीते हुए पार्षदों और उन वार्डो में अल्पसंख्यक मुस्लिम मतदाताओं की संख्या का यदि तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो यह स्पष्ट हो जाता है कि कांग्रेस यदि अल्पसंख्यक कार्ड का उपयोग नहीं करती तो शायद यह प्रदर्शन भी सामने नहीं आता। दरअसल हार के बाद कांग्रेस में कोई समीक्षा बैठक ही नहीं हुई इसलिए शायद इन तथ्यों का विश्लेषण नहीं कर पा रहे है और आपस में सिर फुटव्वल कर रहे हैं। वैसे भी अल्पसंख्यक समुदाय कांग्रेस का परम्परागत वोट बैंक है और कांग्रेस को भी अल्पसंख्यक समुदाय के संरक्षक के तौर पर देखा जाता है। बैतूल में भी जो कांग्रेस के जनप्रतिनिधि हैं वे भी अल्पसंख्यक समुदाय के साथ मजबूती के साथ खड़े नजर आते हैं। जिसका जीवंत उदाहरण लल्ली चौक पर लगा कांग्रेस के दो विजयी पार्षदों का होर्डिंग्स है।
- वर्षो बाद चुनाव के पहले कांग्रेस ने फिर शुरू की रोजा इफ्तार की राजनीति...
इस वर्ष ईद के पहले कांग्रेस ने फिर से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए रोजा इफ्तार पार्टी देना शुरू किया है। जिसमें कांग्रेस नेता अरूण गोठी और हेमंत वागद्रे ने बैतूल, आठनेर आदि में आयोजन किया। वहीं बैतूल विधायक की ओर से बैतूल जामा मस्जिद में रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया।
- माय काम्बिनेशन पर अब रहेेगा कांग्रेस की रणनीति का पूरा फोकस...
जिस तरह से बहुसंख्यक कुन्बी वार्डों में कांग्रेस हारी है। विशेषकर महावीर, चन्द्रशेखर और प्रताप वार्ड में हार हुई है, उसके साथ ही शास्त्री वार्ड, भगत सिंह वार्ड और तिलक वार्ड में कांग्रेस को जीत मिली है उसके आधार पर अब कांग्रेस मुस्लिम और यादव काम्बिनेशन के आधर पर रणनीति बनाएंगी।
जहां अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक की संख्या में अंतर है कम वहां भी जीते मतदाताओं की संख्या के लिहाज से जिन वार्डो में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक मतदाताओं की संख्या में बहुत कम अंतर था। वहां पर भी कांग्रेस ही जीती। वजह यह है कि अल्पसंख्यक मतदाताओं ने एक तरफा कांग्रेस को वोट दिया। जैसे किदवई, तिलक वार्ड, रामनगर, जाकिर हुसैन वार्ड प्रमुख है।
- इस तरह से कांग्रेस की जीत में निर्णायक रहे अल्पसंख्यक...
वार्ड जीत का अंतर मुस्लिम मतदाता
आजाद 56 2072
तिलक 03 1087
किदवई 249 1105
आर्यपुरा 780 1612
रामनगर 594 695
जाकिर हुसैन 172 971
भगतसिंह 302 00
शास्त्री 105 211
गांधी 22 245
राजेन्द्र 110 172
नवल-वर्मा-ईएमएस-बैतूल 05 अगस्त 2022