बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । रिजर्व फारेस्ट में मजदूरी से स्वीकृत कार्य को रेंजर कि मिलीभगत से डिप्टी रेंजर, बीट गार्ड एवम् चौकीदार बिना अनुमति नियम विरुद्ध तरीके से मजदूरों का हक मार कर चोरी से जे सी बी मशीन से (सीपीटी) नाली खुदाई का काम करवा रहे थे ।                
 गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व मोर्शी रेंजर भीमा मंडलोई अवैध लकड़ी परिवहन मामले मे निलंबित हुए है तब से यह रेंज चर्चा मे है ।

वहीं रविवार 20 नवंबर को हीरादेही डिप्टी रेंजर मंगल सिंह सिकरवार की बीट पर मौजूदगी मे बीट गार्ड रविश कंगाले एवम् चौकीदार नौखिलाल इवने द्वारा जे सी बी मशीन क्रमांक एमएच 27 एसी 9826 के द्वारा रिजर्व फारेस्ट मे सीपीटी नाली खुदाई का काम करवाया जा रहा था। जिसके विडियो भी सोश्यल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हुए थे।

इस मामले कि जानकारी मुख्य वन संरक्षक को लगते ही     एस डी ओ (वन) मुलताई को मामले कि जांच सौंपी गई। जाँच के बाद एस डी ओ ने  बताया कि हीरादेही बीट में जांच हो चुकी है जिसमे जे सी बी मशीन द्वारा सौ मीटर काम होना पाया गया है, वहीं जब इस मामले मे वन विभाग भोपाल के उच्च अधिकारिओं से जानकारी लेने पर बताया गया कि वन में कोई भी शोर करने वाली मशीन प्रतिबंधित है । रिजर्व फारेस्ट में जेसीबी मशीन तो जाना ही गैर कानूनी है वही मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि सुरक्षित वन क्षेत्र मे मशीन बिना अनुमति के नहीं जा सकती।

जबकि नियम विरूद्ध तरीके से हीरादेही मे बिना विभागीय अनुमति से डिप्टी रेंजर की मौजूदगी मे बीट गार्ड रवीश कंगाले द्वारा चौकीदार के साथ मिलकर क्या केवल 100 मीटर ही जेसीबी मशीन से खुदाई करवाई गई है? यह बडा़ सवाल है।

सीसीएफ का कहना है कि जांच होती ही इसलिये है कि सम्भवतः गड़बड़ी हुई है वह वीडियो मे साफ दिखाई दे रहा है कि मशीन रिजर्व फारेस्ट के भीतर काम कर रही है।
इस मामले में भी जाँच हुई है । संबंधित को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है । गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई तो होना निश्चित है। 
वहीं इस मामले मे खबर करने गए पत्रकारों का कहना है कि एस डी ओ (एफ) मुलताई द्वारा रेंजर, डिप्टी रेंजर सहित बीट गार्ड को बचाने के पूरे प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने यह भी बताय कि उनके पास इस मामले के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है । जिसे आवश्यकता पड़ने पर उपलब्ध कराया जावेगा ।

उसके पहले देखना यह है कि वन विभाग क्या कार्यवाही करता है फिर वे सबूत सहित सब साक्ष्य सार्वजनिक भी करेंगे । उन्होंने बताया कि एक मोबाईल से साक्ष्य नष्ट करने के चक्कर मे कंगाले द्वारा उसे तोड़ा गया। किन्तु उस दिन घंटे भर पूर्व जो खबरची टीम ने साक्ष्य एकत्र किये थे।वह उनके पास सुरक्षित हैं जिसे वे वन मंत्री और उच्चतम अधिकारियों को ही प्रस्तुत करेंगे। यदि जरुरत पडे़गी तो मय साक्ष्य कोर्ट भी जावेंगे। अब देखना यह है कि वन विभाग कितनी ईमानदारी से अपनी जाँच में वन कर्मियों पर कार्यवाही सुनिश्चित करता है।    
       
- इनका कहना...     
- जेसीबी मशीन के द्वारा 100 मीटर काम हुआ है। अनुमति नहीं ली गई थी विभागीय जांच जारी है। गड़बड़ी करने वालों पर कार्यवाही निश्चित ही होगी।  
- विजयानाथम टी. आर., डी एफ ओ, दक्षिण बैतूल।