- छठवें दिन कथा श्रवण करने पहुंचे लगभग साढ़े तीन लाख श्रद्धालु 

बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । अपनी आय बढ़ाने के बारे में तो हर व्यक्ति सोचता है, लेकिन अपनी आयु बढ़ाने के बारे में कोई नहीं सोचता। सबसे ज्यादा जरुरी है अपनी आयु को बढ़ाना। यदि आयु ही नहीं रहेगी तो हम जो धन-दौलत, संपत्ति कमाएंगे, उसका क्या करेंगे? उन्होंने कहा कि गरीबों के सुख-दुख में शामिल होने से आयु बढ़ती है। यह महत्वपूर्ण सीख प्रख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बैतूल में चल रही मां ताप्ती शिवपुराण कथा के छठवें दिन अपने प्रवचन में दी। इस कथा का आयोजन मां ताप्ती शिवपुराण समिति के तत्वावधान में कोसमी स्थित शिवधाम किलेदार गार्डन में किया जा रहा है।

- बैतूल वासियों को प्रसाद देकर जाएंगे महादेव ...
आयोजन समिति के सह संयोजक द्वय आशु किलेदार और योगी राजीव खंडेलवाल ने बताया कि कथा के छठवें दिन कथा सुनने के लिए अपार जन सैलाब उमड़ा। आज शनिवार को शुक्रवार से भी अधिक करीब साढ़े 3 लाख श्रद्धालु कथा सुनने के लिए पहुंचे। पूरा कथा स्थल तो खचाखच भरा हुआ था ही, फोरलेन पर बैठकर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा सुनी। भक्तों की यह आस्था और भक्ति देख कर पं. श्री मिश्रा भी बेहद प्रसन्न हुए। उन्होंने कथा सुनाते हुए इस पर प्रसन्नता भी व्यक्त की और भक्तों को आशीर्वाद भी प्रदान किया। इसके साथ ही बैतूल वासियों के द्वारा बाहर से आए श्रद्धालुओं की सेवा की भी उन्होंने खासी प्रशंसा की। साथ ही यह भी कहा कि इस सेवा का प्रसाद भगवान महादेव बैतूल वासियों को देकर जाएंगे। 

- इस तरह से बढ़ेगी आय और आयु ...
पं. मिश्रा ने शनिवार को कथा में आय और आयु दोनों ही को बढ़ाने के तरीके भी बताए। उन्होंने कहा कि आयु बढ़ाने का सबसे उचित मार्ग यह है कि हम साधारण और गरीब लोगों के सुख-दुख में शामिल हो। हम इनके बीच, इनके साथ खड़े रहना सीख गए तो हमारी आयु बढऩा तय है। उनको आपके धन, दौलत की नहीं बल्कि साथ की जरुरत होती है। वहीं आय बढ़ाने के लिए उन्होंने कर्म करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि परमात्मा किसी को गरीब बनाकर नहीं भेजता। करोड़ों रुपये कीमती शरीर के साथ भेजता है। आय बढ़ाने के लिए हमें स्वयं को पहचान कर कर्म करना पड़ेगा। महादेव की भक्ति करों और कर्म करों, तो निश्चित रूप से आय भी बढ़ेगी। 

- हमेशा एक से रहें, अहंकार न लाएं...
पं. मिश्रा ने कहा कि हमें जीवन में हमेशा एक सा रहना चाहिए और खुद में कभी अहंकार नहीं लाना चाहिए। सुख के दिन हो या दुख के, हमें एक जैसे रहना चाहिए। हमें पक्षियों से भी सीखना चाहिए। वे अपनी वाणी, अपना धर्म, अपना स्वाभाव कभी बदलते नहीं। ऐसा नहीं कि उनके जीवन में दुख नहीं आते पर वे कभी नहीं बदलते। ऐसे ही हमें भी अचानक संपत्ति आ जाने पर या दुख आ जाने पर अपनी वाणी और स्वाभाव नहीं बदलना चाहिए। चोर को हम नहीं पहचान पाते, लेकिन चोर हमारे गले में पहना आभूषण को पहचान लेता है कि वह असली है या नकली। उसी तरह परमात्मा की भी हम पर सदैव दृष्टि रहती है। हम संसार को प्रसन्न करने का प्रयास न करें, बल्कि भगवान को प्रसन्न करने का प्रयास करें। वे प्रसन्न हो गए, हमने उनको पकड़ लिया, उनकी चरण रज हमें मिल गई तो संसार हमसे खुद प्रसन्न हो जाएगा। धन, वैभव, सत्ता की गर्मी तो एक दिन समाप्त हो जाती है पर भजन और भक्ति की गर्मी कभी खत्म नहीं होती है। 

- निंदा करने वालों से करें मित्रता...
पं. मिश्रा ने कहा कि भजन करने के लिए हमें भगवान के चरणों में जाना होता है। वहां से जो बल मिलता है वह हमारा जीवन संवार देता है। उन्होंने आगे कहा कि इस मृत्यु लोक में हम आए हैं तो जीवन का भरपूर आनंद उठाएं, खुश रहें ताकि जीवन को लेकर कोई अफसोस न रहे। कभी रोकर जिंदगी न बिताएं। यदि कभी कोई दुख आए तो याद रखना कि महादेव ने कोई दुख दिया है तो उसे दूर भी वही करेगा। हम क्यों रोएं, किसके लिए रोएं। कितनी भी धन दौलत हो, उसे कोई साथ लेकर नहीं जाता है। जीवन में निंदा में करने वाले से मित्रता जरुर करना चाहिए। वह हमारी कमियां बताएगा, सामने लाएगा। 

- प्रेम और प्यार में बताया अंतर ...
आज की कथा में कथावाचक पं. मिश्रा ने प्रेम और प्यार में अंतर भी बताया। उन्होंने कहा कि प्रेम में त्याग होता है, समर्पण होता है, करूणा और वात्सल्यता होती है। माता-पिता अपने बच्चों से और भाई-बहन एक-दूसरे से करते हैं। शादी वाला जो प्यार होता है वह स्वार्थ होता है। हमें 9 महीने कोख में पालने वाली मां और पालन-पोषण करने वाले माता-पिता के जो बेटा-बेटी नहीं हुए वे एक-दूसरे के क्या हो सकेंगे? इसलिए ऐसे प्यार के हश्र हम देखते ही रहते हैं। इसलिए जीवन में सदैव माता-पिता के कहे अनुसार चले, उनकी हर आज्ञा का पालन करें। ऐसा करेंगे तो जीवन के सारे सुख पाएंगे। कई बार हम पुण्य तो करते हैं, लेकिन जब अपने ही मुंह से उनका गुणगान करने लगते हैं तो वह पुण्य भी पाप में बदल जाता है। पं. मिश्रा ने आज एक महत्वपूर्ण अपील भी की कि किसी की भी बेटी के साथ कुछ गलत करने से पहले यह जरुर सोचें कि ऐसा ही यदि उनकी स्वयं की बेटी के साथ हो तो उन्हें कैसा लगेगा...?

- आज प्रात: 9 बजे से होगी कथा ...
शनिवार को कथा समाप्ति के पश्चात भगवान श्री गणेश का रिद्धी-सिद्धी संग विवाह की झांकी प्रस्तुत की गई। शनिवार को बैतूल विधायक निलय डागा, आमला विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे, मुलताई विधायक और पूर्व पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे, पूर्व विधायक चंद्रशेखर देशमुख, सीताराम चढ़ोकार, योगी राजीव खंडेलवाल, राजेंद्र जैसवाल, संतोष मालवीय, श्याम मदान, रंजीत सिंह, विवेक (नन्नी) बोथरा आदि ने आरती की। रविवार को कथा की समाप्ति होगी। वहीं कथा का समय दोपहर 1 से 4 बजे नहीं रहेगा, बल्कि रविवार की कथा सुबह 9 बजे से प्रारंभ होगी और दोपहर 12 बजे समाप्त हो जाएगी। हालांकि आस्था चैनल पर इसका प्रसारण दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक ही किया जाएगा। 

- डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किया भोजन... 
आयोजन समिति द्वारा चलाई जा रही भोजन शाला में आज डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसादी की। भोजन शाला प्रभारी जितेंद्र कपूर के साथ समिति के दिनेश महस्की, रामकिशोर बोरबन, मुन्ना मानकर, ओम मालवी, उत्तम धोटे सहित कार्यकर्ता लगातार रात-दिन भोजन व्यवस्था में जुटे हैं। वहीं दूसरी ओर आयोजन समिति के गौरव किलेदार, सुनील द्विवेदी, बबलू खुराना, नारायण पंवार, राजेश आहूजा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता लगातार व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। इससे श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमडऩे के बावजूद कहीं कोई व्यवधान नहीं हुआ और न ही कोई अव्यवस्था हुई।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 17 दिसम्बर 2022