(बैतूल) श्री क्षेत्र की लगभग 65 एकड़ जमीन का मामला अब पकड़ रहा है तूल , - हिवरा महावीर देवस्थान की भूमि खुर्दबुर्द होने को लेकर सबकी निगाहें गोवर्धन पर है टिकी
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। श्री क्षेत्र महावीर देवस्थान की जमीन जीम जाने के मामले में ग्राम हिवरा और उसके आसपास के जुड़े श्रद्धालुओं में बस एक ही सवाल है कि अब गोवर्धन बताए कि देवस्थान की जमीन खुर्दबुर्द करने में किसका क्या रोल है? यह भी स्पष्ट करें कि जिस दौरान उसके हाथ में पूरा प्रबंधन रहा उस दौरान किन-किन जमीनों की रजिस्ट्रीयां हुई है और किस-किसको हुई है। पूरे मामले में श्री महावीरदेव स्थान से पीढिय़ों से जुड़े लोगों का मानना है कि यह भूमि देवस्थान की है इसलिए सूक्ष्म जाँच होकर दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। क्योंकि यह सार्वजनिक संपत्ति है इसे इस तरह से खुर्दबुर्द किया जाना कानूनी अपराध होने के साथ-साथ नैतिक अपराध भी है। इसलिए इस पूरे मामले में प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए मामले की सूक्ष्मता से जांच करवाए।
- सबकुछ दस्तावेज पर जाहिर है गोवर्धन चाहकर भी कुछ नहीं छिपा सकता...
श्री क्षेत्र महावीर हनुमान देवस्थान की जमीनों के रिकार्ड को जानने समझने वालों का कहना है कि गोवर्धन हो या अन्य कोई भी हो, वह किसी भी सूरत में देवस्थान से जुड़ी अचल संपत्ति की जानकारी छिपा नहीं सकता। जब जानकारी नहीं छिपा सकता तो वह किसी भी सूरत में उस संपत्ति को खुर्दबुर्द करने के मामले में अपनी भूमिका से इंकार भी नहीं कर सकता। जिस तरह से महाराज शिवाजी के समय से देव स्थान का रिकार्ड सामने आ रहा है उसे देखते हुए राजस्व के रिकार्ड को समझने वालों का कहना है कि बेहतर यह होगा कि गोवर्धन या अन्य जिन्होंने ने भी इस देवस्थान की भूमि को लेकर जो भी भूमिका निभाई हो उसे स्वयं सामने आकर स्पष्ट कर दे।
- बुजुर्गों और पटेल का कहना है कि यह क्षेत्र धार्मिक भावना से है जुड़ा...
हिवरा ग्राम एवं क्षेत्र के बुजुर्गो और पटेलों ने बताया कि यहां की मालगुजारी सीट में करीब 65 एकड़ जमीन स्पष्ट नजर आती है अब वह 16 एकड़ ही कैसे रह गई इसकी जांच तो होना ही चाहिए। उनका कहना है कि यह कोई राजनैतिक मुद्दा नही है बल्कि यह धार्मिक भावना से जुड़ा मुद्दा है। यहाँ राजनीति नहीं होनी चाहिए।
- तमाम सवाल गोवर्धन से ही क्यों..?
1 - क्योंकि पिछले दो ढाई दशक से गोवर्धन ही हिवरा देवस्थान श्री क्षेत्र में सबसे ज्यादा एक्टिव और निर्णायक भूमिका में था?
2 - जिस तरह से रसूख और राजनैतिक पृष्ठभूमि गोवर्धन की रही है उसे देखते हुए उसकी नैतिक जिम्मेदारी है कि वह स्वयं तथ्यों को सार्वजनिक करें?
3 - श्री महावीर हनुमान देवस्थान पर कभी किसी का एकाधिकार नहीं हो सकता, इसके बावजूद गोवर्धन की जो एकाधिकार वाली भूमिका दिखाई जाती रही है उसे देखते हुए तमाम जवाब गोवर्धन को देना चाहिए?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 12 मई 2023