(बैतूल) घाटबिरोली के सहायक प्रबंधक पर मेहरबान है सहकारिता के अधिकारी , - सजायाफ़्ता प्रबंधक के हाथों में है घाटबिरोली सहकारी समिति
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। सहकारी सेक्टर में जो न हो वह थोड़ा है। सामान्य नियम यह है कि किसी शासकीय सेवक को यदि सजा हो जाए तो उसे सेवा से पृथक कर दिया जाता है, लेकिन सहकारी सेक्टर में इस नियम की खुली अनदेखी होती है। यहां पर यह भी देखने में आता है कि एक मामले में व्यक्ति को सजा के आधार पर सेवा से मुक्त कर दिया जाता है। वहीं दूसरे मामले में व्यक्ति को सजा होने के बावजूद और जेल में रहकर आने के बावजूद सेवा में बरकरार रखा जाता है। यह स्थिति मुलताई की घाटबिरोली समिति में पदस्थ सहायक प्रबंधक साहेबराव वल्द अमृतराव के मामले में देखने में आ रहा है। इसे राजस्व न्यायालय द्वारा अतिक्रमण के मामले में 15 दिन की सजा दी गई और 5 हजार का जुर्माना भी किया गया, जिसमें व्यक्ति लगभग 5 दिन जेल में रहकर आया इसके बाद भी अपने पद पर बरकरार है।
- रास्तामद की जमीन पर किया कब्जा...
साहेबराव वल्द अमृतराव पर आरोप था कि उसने तहसील मुलताई के पटवारी वृत्त क्रमांक 72 खसरा नंबर 55 में 546 वर्गफुट सरकारी मद की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। इसमें आरआई प्रभातपट्टन के प्रतिवेदन के आधार पर राजस्व न्यायालय में चले प्रकरण में साहेबराव ने स्वीकार किया था कि उक्त जमीन पर उसका मकान का भाग बना हुआ है।
- 05 हजार का जुर्माना कर किया बेदखल...
मामले में नायब तहसीलदार न्यायालय ने 06 जनवरी 2013 को आदेश पारित करते हुए 05 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया और उक्त शासकीय भूमि खसरा नंबर 55 में से 546 वर्गफुट से बेदखल किया गया। उक्त मामले में 17 जनवरी 2014 को पटवारी द्वारा प्रतिवेदन दिया गया कि साहेबराव वल्द अमृतराव ने शासकीय भूमि से बेदखली के बाद भी अपना कब्जा नहीं हटाया है।
- एसडीएम न्यायालय ने सुनाई 15 दिन की सजा...
इस मामले को लेकर नायब तहसीलदार ने प्रकरण को आगे की कार्रवाई के लिए एसडीएम न्यायालय प्रेषित कर दिया। जहां पर 02 अगस्त 2014 से 16 अगस्त 2014 तक 15 दिन तक जेल में रखने का आदेश पारित किया गया था। इस आदेश में स्पष्ट लिखा कि कब्जा हटाए जाने के आदेश के बाद भी 07 दिनों तक उक्त खसरा नं 55 की 546 वर्गफुट जमीन पर अवैध रूप से कब्जा बरकरार रखा गया।
- सजायाफ़्ता को बरकरार रखना ही जिम्मेदारों का भी अपराध है...
मामले में 15 दिन की सजा होने के बाद साहेबराव वल्द अमृतराव लगभग 05 दिन तक जेल की हवा खाकर आया। राजस्व न्यायालय द्वारा दी गई सजा के आधार पर जेल में रहकर आने के बावजूद भी साहेबराव वल्द अमृतराव को पद से मुक्त नहीं किया गया। वह अभी भी घाटबिरोली समिति में सहायक प्रबंधक के रूप में तमाम कामकाज कर रहा है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 18 मई 2023