बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। ग्राम पंचायत गोराखार के वर्तमान सरपंच महेश रावत के पिछले सरपंची कार्यकाल के कारनामे भी अब धीरे-धीरे सामने आ रहे है! आरोप लगाने वालों का दावा है कि यदि इसकी सूक्ष्म और गहन जांच हो जाए तो निश्चित रूप से सरपंच पर एफआईआर दर्ज हो जाएगी? इन प्रकरणों को लेकर जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन से जब चर्चा की गई तो उनका कहना था कि तमाम प्रमाण उपलब्ध कराएं , जो भी न्याय संगत कार्रवाई होगी वह की जाएगी। मामले को लेकर बताया गया कि सरपंच महेश रावत ने अपने वर्ष 2005 से 2010 वाले कार्यकाल में एक ही काम के लिए एक ही तारीख में दो अलग-अलग ऑफलाईन मस्टररोल भरे है! यह मस्टररोल ही अपने आप में एक बड़े फर्जीवाड़े को जाहिर करते है? पंचायती राज को समझने वाले एक आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि यदि इसकी जांच हो जाए तो वर्तमान सरपंच और सचिव पर निश्चित रूप से शासकीय धन के गबन को लेकर एफआईआर ही दर्ज होगी? उनका कहना है कि जो उपलब्ध दस्तावेज है वह तो इस बात को स्पष्ट रूप से बता रहे है कि एक मस्टररोल फर्जी भरा गया है? 
बताया गया कि ग्राम पंचायत गोराखार में 01 अप्रैल 2008 से 6 अप्रैल 2008 के दौरान मस्टररोल क्रमांक 31181935 भरा गया। वहीं इसी तारीख में एक अन्य मस्टररोल 31181942 भी भरा गया। खास बात यह है कि इन दोनों मस्टररोल में काम करने वाले सभी मजदूर एक ही है! पहले मस्टररोल में लाग्या, फाग्या, धनराज, घनश्याम, सिंगाजी, महपत, मिश्रीलाल, दीसी, उसा , सरस्वती का नाम दर्ज है। वहीं दूसरे नंबर के मस्टररोल में भी यही सब नाम है। मसला यह है कि दोनों मस्टररोल कपिलधारा कूप फुल्लो पति महंगीलाल के खेत में खनन करने के लिए जनरेट किए गए थे! और मनरेेगा के तहत यह काम हुआ था। चूंकि यह फर्जीवाड़ा इसलिए नजर आ रहा है कि एक ही तारीख में एक ही मजदूर दो जगह काम नहीं कर सकता? वहीं एक काम में एक ही तारीख में दो मस्टररोल जनरेट नहीं हो सकते? इसका मतलब यह है कि एक मस्टररोल में जो मजदूरी है, वह फर्जी भरी गई है और उसका गबन किया गया है?

नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 28 मई 2024