(बैतूल) प्रभातपट्टन सर्किल के जंगलो में बेखौफ हो रही सागौन की अवैध कटाई , - जिम्मेदार अधिकारियों के मौन संरक्षण पर लग रहे प्रश्नचिन्ह
बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा। प्रभातपट्टन सर्किल के वन परिक्षेत्र के जंगलों में हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई बेखौफ होकर की जा रही है। एक ओर पेड़ों की अवैध कटाई से जहां जंगल खत्म हो रहे तो वही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर पर्यावरण को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रतिदिन पौधारोपण कर आमजन को पौधारोपण करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। किंतु वन विभाग के जिम्मेदारों की उदासीनता और लापरवाही के कारण शासन के मंसूबों पर पानी फिर रहा है।
जंगल में सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई का ऐसा ही एक मामला महारष्ट्र बार्डर से लगे पट्टन् सर्किल सब रेंज का सामने आया है। जहां गौनापुर, मालेगाव ,पांजरी, वोंडली राजमार्ग् के पास सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई जोरों पर की गई है वही अवैध कटाई की गई सागोंन महाराष्ट्र क्षेत्र मे माफियाओ द्वारा पहुंचाई जाती है। जानकार की माने तो इसके आलावा जंगलो मे भारी मात्रा मे अवैध शराब बनाने का कार्य भी माफियाओ द्वारा किया जाता है। इस रेंज में सागौन के हरे भरे पेड़ नष्ट हो रहे हैं, वहीं वन विभाग को भी नुकसान हो रहा है बावजूद इसके जिम्मेदार विभागीय अमला पेड़ों की अवैध कटाई पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहा है और मौन धारण किये हुए हैं।
गौरतलब है कि इस रेंज में पेड़ों की अवैध कटाई की सूचना जागरूक नागरिकों द्वारा कई बार अधिकारियो को दी गई लेकिन कोई हल नही निकला । अभी भी माफिया हरे भरे पेड़ो की कटाई बदस्तूर जारी है, बोंडली से लगे हाइवे मार्ग के किनारे से लगे जंगलो व अंदर कई किलोमीटर फैले जंगलो मे सागौन के कटे हुए पेड़ों के ठूंठ नजर आ रहे हैं।जैसे-जैसे जंगल मे भीतर गए वैसे ठूंठों की संख्या बढ़ती गई। कई स्थानों पर ठूंठ के पास पेड़ की टहनियां पड़ी हुई थी। अधिकांश ठूंठों पर वन विभाग के जिम्मेदारों ने नंबर भी अंकित नहीं किए। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि अवैध कटाई के स्थान पर वन अमला अब तक नहीं पहुंचा है या फिर जान बूझकर इन ठूंठों पर नंबर नहीं डालकर पीयूआर जारी नहीं की गई। कुछ कटे हुए हरे पेड़ो पर नंबर डाले भी गये है
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सागौन के पेड़ काटे जा रहे हैं। जिनका परिवहन भी खुलेआम किया जा रहा है।जिसका प्रमाण जंगल में जगह-जगह पहियों के निसान है। इतना ही नहीं वहां वनों की सुरक्षा के लिए बनाई गई समितियां तथा बीट गार्ड सब मूकदर्शक बने हुए हैं। यहां वर्तमान में भी विभाग की लापरवाही के चलते खुलेआम पेड़ों को नष्ट करने का खेल जारी है और जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कार्यवाही करने की जगह हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं तो वही जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों के द्वारा रटा रटाया जवाब देकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ा जा रहा है।
इनका कहना ...
आपके माध्यम से हमें सूचना प्राप्त हुई है , हम इसे दिखवाते हैं।
श्री बघेल, एसडीओ, वन विभाग मुलताई।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 02 नवम्बर 2024