बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। वर्तमान दौर में पूरा सिस्टम आंकड़ेबाजी पर चल रहा है और इसका वास्तविकता से बहुत स्पष्ट कनेक्शन नहीं होता है। आंकड़ेबाजी के खेल में अधिकारी अपने वरिष्ठ अधिकारी और शासन को उल्टे सीधे आंकड़े भेजकर दिग्भ्रमित और गुमराह करते है। इस बात का खुलासा महालेखाकार ग्वालियर की ऑडिट रिपोर्ट की आपत्तियों से सामने आया है। वर्ष 2023-24 की ऑडिट आपत्ति में बताया गया कि किस तरह से राजस्व वसूली को लेकर आयुक्त और शासन के दिशा निर्देशों की अवहेलना की गई। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों ने इन्हें गलत आंकड़े भेजे और भ्रमित किया। बताया गया कि बिना आंकड़ों की जांच किए ही त्रुटिपूर्वक वसूली पत्रक आयुक्त और शासन को भेजे गए थे। जब यह ऑडिट आपत्ति आई तो विभाग ने अपने उत्तर में बताया कि 2 करोड़ 66 लाख 24 हजार 278 रूपए की राशि वर्ष 2023-24 तक शेष है और इसे वर्ष 2024-25 में वसूल कर लिया जाएगा, साथ ही बताया गया कि स्थिति से उच्च अधिकारियों और शासन को अवगत कराया जाता है। वसूली से जुड़ा यह मामला आंकड़ेबाजी के धोखे को भी जाहिर करता है।

वसूली के लिए विशेष नहीं...
कार्यालय कलेक्टर जिला बैतूल (शाखा एसडब्ल्यूबीएन) द्वारा ऑडिट अवधि अक्टूबर 2012 से अगस्त 2024 तक के भू राजस्व एवं विविध राजस्व की वसूली संबंधी संधारित अभिलेखों एवं संभागीय आयुक्त नर्मदापुरम एवं प्रमुख राजस्व आयुक्त मप्र भोपाल को भेजे गए वसूली पत्रकों की जांच में पाया गया कि मार्च 2024 के अंत तक भू-राजस्व एवं अन्य विविध राजस्व मद अंतर्गत कुल 2 करोड़ 66 लाख 24 हजार 278 रूपए वसूली हेतु लंबित थी। जिसकी वसूली के लिए विभाग द्वारा कोई विशेष प्रयास किया जाना नहीं पाया गया।

- गलत आंकड़े पेश कर रहे... 
कार्यालय कलेक्टर जिला बैतूल (शाखा एसडब्ल्यूबीएन) द्वारा ऑडिट अवधि अक्टूबर 2012 से अगस्त 2024 तक अभिलेखों की जांच में सामने आया कि बिना आंकड़ों की जांच किए बिना प्रारंभिक शेष एवं अंतिम शेष का मिलान किए त्रुटिपूर्वक वसूली पत्रक आयुक्त को एवं शासन को भेजे गए। जिससे यह स्पष्ट है कि विभाग द्वारा शासन को गलत जानकारी देकर उसे दिग्भ्रमित करने का कार्य किया गया। जो कि एक गंभीर अनियिमतता की श्रेणी में आता है। ऑडिट में इंगित किए जाने पर विभाग ने 2024-25 में वसूल करना बताया। 

- संपत्ति कुर्की कर वसूली करने के है नियम और ऑडिट...
ऑडिटर ने भू-राजस्व एवं विभिन्न मद की राजस्व वसूली ना होने को लेकर यह बताया है कि मप्र भू-राजस्व संहिता 1959 धारा 147 के प्रावधान अनुसार देय राशियां विहित तिथि में भुगतान ना होने पर बकाया राजस्व की वसूली, बकायदार की चल अचल संपत्ति की कुर्की कर विक्रय कर वसूले जाने का प्रावधान है।
@साभार : राष्ट्रीय दिव्य दुनिया 
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 29 जनवरी 2025