(बैतूल) लगभग 9 हजार के मानदेय वाले हरिराम की रईशी भी चर्चा में..? - चांदू क्षेत्र में यदि कोई जमीन बिकेगी तो हरिराम बाबू ही खरीददार होगा..!
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । चांदू और भीमपुर क्षेत्र में हरिराम की रईशी के कई किस्से मशहूर हैं । जैसे हरिराम को लेकर बताया जाता है कि उसने पूरे चांदू क्षेत्र में यह दावा कर रखा है कि इस क्षेत्र में कोई जमीन बेचेगा तो उसका पहला बोलीदार और खरीददार हरिराम ही होगा! फिर चाहे कीमत चाहे जो हो? अब इस बात में कितनी सच्चाई हो यह तो हरिराम जानता हो या उस क्षेत्र के लोग जानते हैं , लेकिन उसके स्वजातीय बंधुओं का ही दावा है कि हरिराम ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर अनाप शनाप जमीनें खरीद रखी है! यदि ईडी, ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त से जांच करवाई जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा? इसके साथ ही यह भी साफ हो जाएगा कि लगभग 9 हजार के मानदेय से शुभारम्भ वाले हरिराम के पास आखिर कहाँ का और किसका ब्लेक का पैसा है जो इस तरह चल अचल संपत्ति में लगाया जा रहा है? बताया जाता है कि बैतूल शहर में करोड़ों रूपये की संपत्ति खरीद रखी है! अब इसकी जांच क्यों नहीं होती यह अलग बात है, लेकिन जिस दिन जांच हो गई तो सहकारी सेक्टर का एक और बड़ा मगरमच्छ भी हरिराम के साथ लपेटे में आएगा!
- केस स्टडी : चर्चा है कि हरिराम के चक्कर में रिटायर्ड फौजी को लगभग 35 लाख की जमीन 55 लाख में खरीदनी पड़ी...
चांदू क्षेत्र में हाल फिलहाल का एक किस्सा पूरे यादव समाज में खासा मशहूर हो चुका है? इस किस्से के अनुसार कोई फौजी रिटायर होकर अपने क्षेत्र में लौटा, उसे जो पैसा रिटायरमेंट पर मिला तो उसने सोचा कि जमीन खरीद लेता हूं खेती करूंगा? चांदू में उसे जमीन पसंद आ गई। मोल भाव शुरू हुआ तो अचानक हरिराम बीच में आ गए और उन्होंने भाव ऐसे बढ़ाना शुरू किए कि मजबूरी में उस फौजी को 35 लाख की जमीन 55 लाख रूपये में खरीदनी पड़ी? हालत यह थी कि जमीन खरीदने के बाद भी दबाव कम नहीं हो रहा था! हरिराम के स्वजातीय बंधुओं का ही ऑफ द रिकार्ड कहना है कि चांदू और उसके आसपास किसी की हिम्मत नहीं है कि जमीन बिक रही हो और कोई अन्य व्यक्ति खरीदने की सोच ले? जो भी जमीन का सौदा होगा वह हरिराम ही करेगा! भले ही उसकी रजिस्ट्री किसी नाते रिश्तेदार के नाम पर हो? बताया गया कि फौजी वाला मामला तो इतना चर्चित है कि पूरे भीमपुर ब्लॉक में ही कहा जाता है कि कहीं जमीन बिक रही है तो खरीदेगा तो हरिराम ही किसी को और को खरीदने ही नहीं देगा? अब इस किस्से में कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है!
- पैसा हरिराम का और संपत्ति नाते रिश्तेदारों के नाम पर...
बताया गया कि भीमपुर क्षेत्र में पिछले एक दशक में चांदू और चांदू के आसपास जो भी जमीन के सौदे हुए है उसमें कही न कहीं हरिराम का रोल काल जरूर रहा है? लोग तो दावा यह करते है कि हरिराम का जो भी नाते रिश्तेदार जमीन खरीदता है उसमें पैसा हरिराम का ही लगा होता है! आश्चर्यजनक बात यह है कि अभी तक इसके ऊपर इनकम आदि की नजर क्यों नहीं पड़ी? अब बताया जा रहा है कि शिकायत हो चुकी है!
- आदिवासियों की जमीन भी अपने नौकरों के नाम पर खरीदता है...
आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी खरीद नहीं सकता? ऐसे में हरिराम ने आदिवासियों की जमीन अपने आदिवासी नौकर और अन्य भरोसेमंद आदिवासियों के नाम पर खरीद रखी है! जिनकी बही कागजात और कब्जा हरिराम के पास सुरक्षित है? बताया जाता है कि इन जमीनों पर लोन लेकर हरिराम ब्याज का धंधा भी करता है? बताया गया कि बैतूल शहर में भी हरिराम के कम से कम 2 करोड़ रूपये बंटे हुए है?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल , 24 जनवरी 2023