(बैतूल) वर्ष 2014-15 की ऑडिट रिपोर्ट कर रही कई खुलासे..? , - ऑडिट रिपोर्ट बता रही कि हरिराम ने चांदू समिति में मचा रखा गोलमाल..!
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । भीमपुर ब्लॉक की चाँदू सेक्टर की सहकारी समिति गोलमाल, फर्जीवाड़े और घोटालों को लेकर अपने दस्तावेजों में ही एक अनकही कहानी कह रही है? आश्चर्यजनक बात यह है कि वर्ष 2014-15 में जो ऑडिट रिपोर्ट सामने आई थी उसमें जो सिफारिश की गई थी यदि उस पर विचार किया जाए तो उससे स्पष्ट होता है कि टीम हरिराम हर स्तर पर गड़बड़ी करते आ रही है! लेकिन इसके बावजूद इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है? 2014-15 की ऑडिट रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया जा रहा है कि कई स्तर पर गड़बडिय़ा की गई है और यह सब गड़बड़ी जानबूझकर की गई है! इसके बावजूद हरिराम या अन्य के खिलाफ किसी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई? अब ऐसा क्यों हो रहा है इस बात का जवाब जिला सहकारी बैंक के जिम्मेदार और सहकारिता विभाग के डीआर से मांगा जाना चाहिए? जिस तरह से ऑडिट रिपोर्ट अलग-अलग खुलासे कर रही है वह अपने आप में गंभीर मामला है? कुल मिलाकर ऑडिट रिपोर्ट को धूल खाने के लिए डाल दिया गया, जबकि सहकारिता में यह महत्वपूर्ण दस्तावेज है!
- ऑडिट आपत्तियों का निराकरण नहीं...
2015 में किए गए ऑडिट में ऑडिटर ने पहली आपत्ति में ही यह लिखा कि पिछले वर्ष की आपत्तियों का निराकरण प्रतिवेदन तक प्रस्तुत नहीं किया गया?
- नियम अनुसार सदस्यता ही नहींं...
ऑडिट वर्ष में संस्था में 266 सदस्य बनाया जाना बताया गया, लेकिन उनका सदस्यता अभियान और संचालक मंडल से नियम अनुसार स्वीकृति नहीं ली गई?
- कृषकों की जानकारी संधारित नहीं...
कार्य क्षेत्र में कृषकों से संबंधित जानकारी जैसे ऋणी कृषक, अऋणी कृषक, ऋण वितरण, डिफाल्टर सदस्य आदि की जानकारी संधारित नहीं पाई गई?
- सदस्यों के घोषणा पत्र नहीं लिए...
ऑडिट के दौरान सामने आया कि समिति सदस्यों से नियम 26 के अनुसार घोषणा पत्र प्राप्त नहीं किए गए! यह एक गंभीर आपत्ति जनक विषय है?
- सदस्यता पंजी में कॉलमपूर्ति भी नहीं...
ऑडिट में सामाने आया कि सदस्यता पंजी का संधारण हो रहा है, लेकिन उसमें सभी कॉलम की पूर्ति नहीं की जा रही! जैसे कालातीत कॉलम छोड़ दिया गया?
-डिफाल्टर पर कार्रवाई ही नहीं की...
संचालक सेवंती बाई 15 मार्च 2014 को डिफाल्टर हो गई! इसके बावजूद एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नियम अनुसार कोई कार्रवाई नहीं की?
- संस्था की वार्षिक साधारण सभा में भी गोलमाल से बाज नहीं आये...
इधर ऑडिट रिपोर्ट से ही इस बात का खुलासा हो रहा है कि 29 सितम्बर 2014 को संस्था की वार्षिक साधारण सभा का आयोजन किया गया था! जिसका कार्रवाई विवरण पृथक पंजी में लिखा गया और उपस्थिति अलग पंजी में दर्ज की गई और नियमों के विपरित है और आपत्तिजनक है? नियम अनुसार बैठक पंजी में कार्रवाई का विवरण प्रारंभ से पूर्ण होने तक लिखा जाता और इसके बाद सदस्यों के हस्ताक्षर लेना चाहिए था जिससे कि कोरम का निर्धारण हो सके पर ऐसा नहीं किया जाना एक तरह से गोलमाल की श्रेणी में ही आता है?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल, 28 जनवरी 2023