(बैतूल) पट्टन की नरखेड़ पंचायत की जानकारी बैतूल जनपद से मांग रहे, - वर्तमान जनपद सदस्य के पूर्व सरपंच कार्यकाल का अब हो रहा हिसाब-किताब, - भ्रष्टाचार में शिकायत का भूत 10 वर्ष बाद भी नहीं छोड़ता पीछा, गुमनाम शिकायत पर भी ईओडब्ल्यू करती है जांच
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । भ्रष्टाचार के मामले में जो लोग कहते है कि शिकायत करने से कुछ नहीं होता उनके लिए एक बड़ा उदाहरण सामने है कि शिकायत आज नहीं कल अपना असर जरूर दिखाती है। नरखेड़ पंचायत में 2010 से 2015 तक सरपंच रहे नामदेव हरसुले की 2012 में किसी ने गुमनाम शिकायत ईओडब्ल्यू को की थी। जिसमें ईओडब्ल्यू द्वारा 2023 में जांच की जा रही है। ईओडब्ल्यू के इंस्पेक्टर ने उक्त सरपंच को लेकर बिंदुवार जानकारी तलब की है। उक्त सरपंच नामदेव हरसुले वर्तमान में पट्टन में जनपद पंचायत क्रमांक 11 से जनपद सदस्य भी है। मामले को लेकर ईओडब्ल्यू से ही बताया गया है कि उनके सरपंच कार्यकाल में विभिन्न निर्माण कार्य और अन्य मद के कामों में भ्रष्टाचार को लेकर एक गुमनाम शिकायत प्राप्त होने पर यह जांच की जा रही है। कुल मिलाकर कहने का मतलब है कि यदि किसी को गलतफहमी है कि शिकायत करने से कुछ नहीं होता तो उनकी गलतफहमी इस मामले से दूर हो जानी चाहिए।
- नरखेड़ के पूर्व सरपंच से जुड़ी यह मांगी ईओडब्ल्यू ने जानकारी...
1- सरपंच के रूप में कार्यकाल कब से कब तक रहा?
2- कार्यकाल के दौरान प्राप्त मानदेय और अन्य भत्तों की जानकारी?
3- सरपंच के रूप में नाम निर्देश के साथ प्रस्तुत किए जाने वाले शपथ पत्र की सत्यापित प्रतिलिपि?
4- अचल संपत्ति संबंधी विस्तृत विवरण?
5- सरपंच का वर्तमान पता एवं संपर्क के लिए मोबाईल नंबर?
- मांगना पट्टन जनपद से जानकारी, लेकिन मांग रहे बैतूल जनपद से...
ईओडब्ल्यू में भी गजब हो रहा है जिस शिकायत के आधार पर जनपद पंचायत पट्टन से सरपंच की जानकारी मांगना चाहिए, उसकी जानकारी जनपद पंचायत बैतूल से मांगी जा रही है! अब यह गड़बड़ किस स्तर से हो रही है और क्यों हो रही है यह भी एक बड़ा सवाल है? इस संबंध में सूचना मांगने वाले इंस्पेक्टर अखिल कुमार सिंह का कहना है कि वे अभी हाल ही में ईओडब्ल्यू में आए और उक्त आवेदन जांच के लिए मिला है।
- पूर्व सरपंच का दावा 2015 से जांच चल रही है कुछ निकलता ही नहीं है...
मामले को लेकर पूर्व सरपंच और वर्तमान जनपद सदस्य नामदेव हरसुले का कहना हेै कि मामले की जांच 2015 से चल रही है। ईओडब्ल्यू के अफसर कई बार ऐसे नोटिस देकर जांच के लिए बुला चुके है। वे पूरी जानकारी से जुड़े दस्तावेजों के गठ्ठे बनाकर अफसरों को कई बार दे चुके है। उनकी जांच का सिस्टम ही उन्हें समझ नहीं आ रहा है। लोगों का भरोसा है उन पर इसलिए तो हर बार वे चुनाव जीतते हैं।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 18 फ़रवरी 2023