(बैतूल) लंबे समय से डिप्टी कलेक्टर की कमी से प्रशासनिक कामकाज हो रहा प्रभावित, - संयुक्त कलेक्टर मडराह की भी होने वाली है विदाई, ज्ञापन देने वालों को भी है टेंशन
बैतूल (हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल में ज्ञापन देना एक बड़ा ट्रेंड है। लोगों को लगता है कि हुजूम के रूप में कलेक्ट्रेट जाकर ज्ञापन देने से समस्या का समाधान हो जाएगा। कम से कम उनकी बात प्रशासन तक पहुंच जाएगी। बैतूल में इतनी ज्यादा ज्ञापनबाजी होती है कि कलेक्ट्रेट में इसके लिए अलग से डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी की जरूरत होती है। वर्तमान में संयुक्त कलेक्टर एसपी मडराह इस भूमिका को निभा रहे थे। जैसे ही कोई ज्ञापन देने आता था तो फर्स्ट फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर पर बुलवा लिया जाता था अब वे भी बतौर अपर कलेक्टर राजगढ़ जा रहे हैं अब ऐसे में इस भूमिका को कौन निभाएगा इसको लेकर ज्ञापन देने वालों में भी भारी टेंशन है। इस स्थिति में अब अपर कलेक्टर श्यामेन्द्र जैसवाल को ही बार-बार ग्राउंड फ्लोर पर आकर ज्ञापन लेना पड़ेगा या कलेक्टर को स्वयं अपने चेम्बर से बाहर आकर ज्ञापन लेना होगा। दरअसल यह सब स्थिति इसलिए निर्मित हो रही है कि बैतूल में लंबे समय से डिप्टी कलेक्टर की कमी है और इस कमी को दूर करने को लेकर कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है। डिप्टी कलेक्टर की कमी से कलेक्ट्रेट में ही कई शाखाओं का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
- स्थिति : 01: - बैतूल जिले में चाहिए 9 डिप्टी कलेक्टर...
बैतूल जिले में जो प्रशासनिक इकाई है उसमें 9 डिप्टी कलेक्टर चाहिए, जिसमें से चार एसडीएम के लिए एक अपर कलेक्टर के लिए और एक नजूल शाखा के लिए, एक स्थानीय निर्वाचन के लिए तथा दो विभिन्न शाखाओं की व्यवस्थाओं को देखने के लिए इस लिहाज से बैतूल में अभी 4 डिप्टी कलेक्टर कम है।
- स्थिति : 02: - जिला मुख्यालय पर ही एक्टिव एसडीएम नहीं...
बैतूल जिला मुख्यालय पर जिस तरह से एक्टिव और काबिल एसडीएम होना चाहिए उसको लेकर कई सवाल है। पूर्व एसडीएम रीता डहेरिया को लेकर तो यह सामने आता था कि वह कलेक्टर का आदेश तक नहीं मानती थी। वर्तमान एसडीएम को लेकर भी लोगों को कुछ ऐसा देखने में आ रहा है।
- स्थिति : 03: - कलेक्ट्रेट की दो दर्जन शाखाओं का काम अटकेगा...
कलेक्ट्रेट में करीब दो दर्जन शाखाएं है जिनके लिए दो डिप्टी कलेक्टर होना चाहिए, लेकिन लंबे समय से मडराह साहब ही इन शाखाओं का बोझ संभाल रहे थे। सबसे बड़ी बात यह है कि नजूल कोर्ट की जिम्मेदारी भी उनके पास है, इनके तबादले के बाद वहां भी कामकाज प्रभावित होगा।
- स्थिति : 04: आमला विधनसभा के चक्कर में निशा बांगरे का तबादला...
एक बहुत ही डिप्टी एक्टिव डिप्टी कलेक्टर निशा बांंगरे थी। इनकी आमला विधानसभा में अपार लोकप्रियता बताई जाती है। अचानक ही इनका तबादला बैतूल से भोपाल करवा दिया गया, जबकि उस समय भी बैतूल में डिप्टी कलेक्टर की कमी थी। इतनी बड़ी कमी के बाद भी कोई राजनेता आवाज नहीं उठाता।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 22 फ़रवरी 2023