(बैतूल) शासन की अतिमहत्वाकांक्षी योजना अमृत सरोवर में लग रहा पलिता..! - बिना सूचना बोर्ड लगाये चिचोली विकासखण्ड में आर ई एस विभाग में लाखों के कार्य धड़ल्ले से जारी..?
बैतूल /चिचोली(हेडलाइन)/ नवल वर्मा। किसानों का अभिन्न एवं सबसे बड़ा मित्र पानी होता है। जल की कमी होने पर अनाज की पैदावार होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। कई बार सही समय पर बरसात न होने पर किसानों की फसल पूरी तरह से चौपट हो जाती है। इसलिए किसानों को जल आपूर्ति करने के लिए सरकार द्वारा कई तरह के सदप्रयास और योजनाएं चलाई जाती हैं। इसी तारतम्य में देश भर में अमृत सरोवर योजना की शुरुआत की गई है, जिसके अंतर्गत देश के हर जिले में लगभग 75 - 75 तालाबों का निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है।
बैतूल जिले मे भी इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 75 अमृत सरोवर का लक्ष्य लेकर योजना का क्रियान्वयन जारी है। जिसके तहत चिचोली ब्लॉक में भी आर इ एस के माध्यम से पंचायतों को कार्य एजेंसी बनाकर कार्य तो करवाए जा रहे हैं, लेकिन इन कार्यों में जमकर अनियमितताएं और नियमों को ताक पर रखा जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। ताजा नजारा चिचोली ब्लॉक के सिपलई में प्रगति रत अमृत सरोवर के कार्य को देखकर लगाया जा सकता है। नियमानुसार किसी भी कार्य का शुभारंभ करने से पूर्व उस कार्य से संबंधित जानकारी का बोर्ड कार्यस्थल पर लगाना अनिवार्य होता है। लेकिन सिप्लई में लगभग कार्य पूर्ण होने को आया है लेकिन इस कार्यस्थल पर सूचना पटल कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमृत सरोवर किस तरह से लापरवाही कर कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। गौरतलब है कि इस महत्वाकांक्षी योजना से किसानों को खेतों की सिंचाई करने के लिए समय से पानी उपलब्ध हो सकेगा। जिसके कारण सूखा और अकाल जैसी समस्याओं से निपटा जा सकेगा। गांव के गरीब किसानों के खेती के अलावा मछली पालन जैसे कई रोजगार के साधन भी उयलब्ध होंगे । समय पर खेतों की सिंचाई होने पर किसानों को पैदावार भी अत्यधिक मिलेगी जिससे खेती पर निर्भर रहने वाले किसानों की आय में इजाफा हो सकता है। पानी की समस्या से खेती से दूर हो रहे किसानों का जुड़ाव फिर खेती की ओर होगा और देश में अनाजों की उपज बढ़ने के साथ-साथ खेती का रकबा भी बढ़ेगा। जहाँ सरकार की मंशा किसानों को ऊपर उठाने की है, लेकिन इस योजना का धरातल पर क्रियान्वयन जिस तरह से हो रहा है उससे तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि खेती का रकबा बढे या ना बढे लेकिन अधिकारियों और कार्य एजेंसियों में शामिल जिम्मेदार लोगों का इस योजना से अघोषित आय जरूर बढ़ जाएगी।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 03 मार्च 2023