(बैतूल) प्रभात पट्टन के लाल स्कूल को संरक्षित करने अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने की पहल, - ब्रिटिश कालीन ऐतिहासिक इमारत को संग्रहालय में परिवर्तित करने सौंपा ज्ञापन
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । बैतूल जिले के ग्राम प्रभात पट्टन में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े ब्रिटिश शासन कालीन ऐतिहासिक इमारत को संग्रहालय में परिवर्तित करने को लेकर अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने एक सकारात्मक पहल की है। गौरतलब है कि ग्राम प्रभात पट्टन में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी ब्रिटिश शासन कालीन ऐतिहासिक इमारत लाल स्कूल जो कि वर्तमान में शासकीय कन्या स्कूल का भाग है वह जर्जर अवस्था में पहुंच गया है जो कि वर्तमान में शिक्षा विभाग के स्वामित्व के अंतर्गत है। यहाँ ब्रिटिश शासन कालीन समय में रेस्ट हाउस रहा करता था।
वहीं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की कर्मभूमि भी रहा है। यही क्रांतिकारियों ने इस भवन के अंदर कठोर कारावास व यातनाओं को भोगा है। यह भवन स्वतंत्रता आंदोलन का केंद्र बिंदु रहा है। जहां पर हुई गोलीबारी में ग्राम के ही एक व्यक्ति महादेव रावजी रेवतकर उक्त प्रांगण में ही शहीद हुए थे। वहीं क्रांतिकारियों ने इसी भवन पर पहली बार ब्रिटिश सरकार का झंडा निकालकर यहाँ तिरंगा लहराया था।
पूर्व में इस पावन भूमि के इतिहास को जानने पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा भी आये थे और वे यहां की पावन माटी को अपने साथ लेकर दिल्ली गए थे।
एक ओर जहाँ पुलिस विभाग द्वारा रानीपुर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर बने संग्रहालय में प्रभात पट्टन के क्रांतिकारियों तथा उक्त घटना का उल्लेख भी किया गया है। वही हाल ही में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रांत अध्यक्ष डॉ. कुमार संजीव एवं महामंत्री आशुतोष शर्मा द्वारा तथा मध्य प्रदेश के अन्य साहित्यकारों का दल ऐतिहासिक जानकारी एकत्र करने यहाँ का दौरा कर चुका है। उन्होंने इसे भी ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संजोने की इच्छा जाहिर की थी । उक्ताशय का ज्ञापन पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल, वर्तमान सांसद दुर्गादास उइके एवं नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पार्वती बाई बारस्कर को अखिल भारतीय साहित्य परिषद के नेतृत्व में सौंपा और मांग रखी गई कि प्रभात पट्टन के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के साथ पूरे गांव ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था, इसलिए क्षतिग्रस्त होती इस ऐतिहासिक धरोहर को संजोने पर प्रशासन भी ध्यान दें।
उक्त ज्ञापन समस्त ग्रामवासियों की ओर से सौपते हुए आग्रह किया गया कि यदि समय रहते इसे संज्ञान में नहीं लिया गया तो यह ऐतिहासिक धरोहर धराशाई हो जाएगी। चूंकि भवन क्षतिग्रस्त होने के कारण उसका एक हिस्सा धराशाई हो चुका है।
ज्ञापन सौपने वालों में प्रमुख रूप से अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संभागीय कार्यकारी अध्यक्ष सुनील पांसे (दास), प्रान्त सह मीडिया प्रभारी (मध्य भारत) नवल वर्मा, प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य अजय पवार और जिला संयोजक पुष्पक देशमुख, ग्राम पंचायत प्रभातपट्टन के सरपंच सुभाष देशमुख, भोजराज रेवतकर, बंडू देशमुख, देवेन्द्र महाजन, चन्द्रशेखर देशमुख, रामदास महाजन, देवानंद आठनेरे, चेतन येवले सहित बैतूल से राजेश कारे , डॉ शैलेन्द्र सोनी, उत्तम गायकवाड़ आदि उपस्थित रहे ।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 05 मार्च 2023