बैतूल (हेडलाइन)/नवल वर्मा। विगत दिवस देश की राजधानी दिल्ली में एक बड़ी ही महत्वपूर्ण कानक्लेव का आयोजन किया गया। भारत के महत्वपूर्ण मीडिया संस्थान विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित इस कानक्लेव का विषय था - मतांतरित मुस्लिमों व ईसाइयों को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए या नहीं? 
डिलिस्टिंग से संबंधित इस विषय पर आयोजित इस कानक्लेव में बैतूल जिले के प्रवीण गुगनानी ने जनजातीय कनवर्जन पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया व वक्ता के तौर पर सम्मिलित रहे। प्रवीण गुगनानी ने इस राष्ट्रीय स्तर के आयोजन के एक सत्र की अध्यक्षता भी की। 
 इस महत्वपूर्ण किंतु अति संक्षिप्त आयोजन में देश भर से अत्यंत प्रतिष्ठित व गरिमामय हस्तियां सम्मिलित हुई थी। इस कानक्लेव में 7 सर्वोच्च व उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, 18 सर्वोच्च न्यायालय के वकील, देश की  प्रमुख यूनिवर्सिटी के 16 कुलपति एवं कुलाधिपति, रिसर्च स्कॉलर्स, कुछ पूर्व ब्यूरोक्रेट्स व कुछ संगठनों के राष्ट्रीय पदाधिकारी उपस्थित थे। यह कानक्लेव अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मतांतरित नागरिकों को आरक्षण की सुविधाओं का लाभ मिले या न मिले इस प्रश्न पर आधारित थी। 
इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यशाला में बैतूल के किसी व्यक्ति शोधपत्र प्रस्तुत करने, व्याख्यान देने व सत्र की अध्यक्षता करना एक उपलब्धि भरा विषय है। सभी मित्रों व शुभचिंतकों ने इस गौरवशाली उपलब्धि हेतु प्रवीण गुगनानी को बधाई प्रेषित की है।
इस आयोजन में श्रीराम जन्मभूमि का निर्णय देने वाले न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल, विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, संघ के कई वरिष्ठ प्रचारक, डिक्की के अध्यक्ष मिलिंद कांबले, सामाजिक समरसता के राष्ट्रीय पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 06 मार्च 2023