(बैतूल) तीन एसडीएम के कार्यकाल में "मुक्ति" के लिए बंटा प्रसाद , - फाईव स्टार की शिकायतों का निराकरण किए बगैर प्रबंधन मुक्त करना ही अवैध..!
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । मौजा बडोरा की भूमि खसरा क्रमांक 14/2, 15/2 रकबा 1.1182 एवं 1.214 कुल 2.396 हेक्टेयर में अवैध कालोनी निर्माण किए जाने पर 4 अगस्त 2021 को कालोनी को प्रबंधन में लिया गया था और इस कालोनी को प्रबंधन में लेने के बावजूद भी कालोनाईजर द्वारा निर्माण किए जाने पर 21 सितम्बर 2021 को एफआईआर के आदेश तात्कालीन एसडीएम ने दिए थे। उक्त आदेश का परिपालन किया ही नहीं किया गया। इस आदेश का परिपालन होने पर जनसुनवाई में 29 मार्च 2022 को शिकायत क्रमांक 2990 सहित अन्य गंभीर शिकायतों के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई थी। वहीं मामले में अप्रैल 2022 में भी पुन: शिकायत की गई। लेकिन तात्कालीन एसडीएम ने उक्त शिकायतों पर न कोई एक्शन लिया और न ही उनका कोई निराकरण किया। जबकि एक शिकायत में एडीएम ने जनसुनवाई के आवेदन पर एक्शन ईमीडेट तक लिखा था। बिना इन शिकायतों का निराकरण किए कालोनी को इस तरह प्रबंधन मुक्त किए जाने को नियमों के जानकार अवैध बता रहे है। उनका कहना है कि प्रबंधन मुक्त किए जाने का आदेश मेला फाईड इंटेन्शन के तहत नजर आता है। मामले को लेकर एसडीएम का पक्ष जानने उनके मोबाईल पर संपर्क किया, लेकिन संपर्क नहीं हुआ।
- सीएल चनाप का कार्यकाल...
प्रबंधन में लेने के बावजूद निर्माण कार्य करने पर एफआईआर के थे आदेश...
जब पूर्व एसडीएम सीएल चनाप ने इस कालोनी को प्रबंधन में लिया तो उसके बावजूद भी कालोनाईजर द्वारा वहां निर्माण कार्य किया जा रहा था और एक दुकान बनाकर बेचने का मामला भी सामने आया था। यह स्थिति देखने के बाद एस डी एम ने तहसीलदार को एफआईआर के लिए निर्देश दिए थे, लेकिन इसी दौरान उनका बैतूल से अन्यत्र तबादला हो गया। इसके बाद यह एफआईआर का मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
- रीता डहेरिया का कार्यकाल...
प्रबंधन में होन के बावजूद भी निर्माण कार्य रोकने में एसडीएम ने नहीं ली रूचि...
पूर्व एसडीएम सीएल चनाप के आदेश का परिपालन तो उनके बाद बैतूल एसडीएम बनी रीता डहेरिया ने करवाया ही नहीं, लेकिन उन्होंने अघोषित रूप से कालोनाईजर को वहां निर्माण करने की अनुमति दे दी थी। इस बात की जानकारी मिलने के बावजूद भी उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया, जबकि कालोनाईजर वहां पानी की टंकी सहित अन्य निर्माण कार्य कर रहा था, तब पटवारी को वहां जांच के लिए भेजा था, लेकिन एक्शन कुछ नहीं लिया। पूरे मामले में नियत पर सवाल है।
- केसी परते का कार्यकाल... बिना शिकायतों के निराकरण के ही एक तरफा कर दिया कालोनी को प्रबंधन मुक्त ...
लगातार शिकायत और राजनैतिक दबाव के बाद जैसे-तैसे रीता डेहरिया का तबादला बैतूल से भैसदेही किया गया, उनकी जगह भैसदेही से बैतूल आए एसडीएम केसी परते ने बतौर एसडीएम बैतूल ज्वाईन करने के कुछ दिनों बाद ही फाईव स्टार कालोनी को प्रबंधन मुक्त कर दिया। प्रबंधन मुक्त करने की कार्रवाई में उन्होंने शिकायतकर्ता का ना तो पक्ष सुना और न ही उसके आवेदनों का कोई उचित निराकरण किया। इससे स्पष्ट है कि प्रबंधन मुक्त का आदेश दोषपूर्ण माना जाएगा।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 07 मार्च 2023