(बैतूल) प्रशासनिक सिस्टम के तौर तरीकों से लोगों में पनप रहा आक्रोश , - मासोद सांईखेड़ा के किसान ने अपनी आपबीती के आधार पर लगाया खुला आरोप
कलेक्टर के तौर तरीकों का असर यह कि एसडीएम-तहसीलदार भी कर रहे मनमानी
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। प्रभातपट्टन तहसील सर्किल मासोद के सांईखेड़ा खुर्द के किसानों का आरोप है कि कलेक्टर की जिस तरह की वर्किंग है उसका सीधा असर तहसीलदार और एसडीएम के तौर तरीकों पर भी नजर आता है। कोई भी आम आदमी के साथ न्याय करने में रूचि नहीं लेता। सबका एक अपना अघोषित एजेंडा है उसके बाहर निकलकर कोई काम करने को तैयार नहीं है। उनका खुला आरोप है कि उनके मामले में तो खुला भ्रष्टाचार हुआ है। जिसमें पटवारी और नायब तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध है। उक्त मामले में मुलताई एसडीएम को शिकायत करने के बाद भी कोई एक्शन नहीं हुआ। कृषक इठोबा एवं दीपक कुमार नरवरे का कहना है कि यह सब इसलिए हो रहा है कि कलेक्टर का तौर तरीका भी आम लोगों की शिकायतों के मामले में यही रहता है वे भी केवल आवेदन लेकर रख लेते है और झूठे सच्चे आश्वासन जरूर देते है पर रिजल्ट बिल्कुल नहीं देते। किसान का आरोप है कि यदि आप प्रभावशाली पूूंजीपति है तो और अधिकारियों से व्यक्तिगत जान पहचान है तो आपका गलत काम भी सही हो जाएगा यदि सामान्य व्यक्ति है तो आपका सही काम भी नहीं होगा।
किसान का आरोप है कि तहसील प्रभात पट्टन सर्किल मासोद वृत्त की नायब तहसीलदार ने किसान को न्याय दिलाने की बजाय किसान के साथ धोखाधड़ी की। कृषक इठोबा नरवरे के पुत्र दीपक कुमार ने बताया कि मेरे पिता के नाम से ग्राम साईखेडा खुर्द में 459/1, 461/1, 443/2, कुल रकबा 5.5080 हैं। हमारे पड़ोस में कलावती पिता गोविन्दराव नागले जो कि पेशे से शिक्षक है द्वारा उनकी कृषि भूमि 459/2, 461/2 के सीमांकन के लिए आवेदन दिया गया था। नायब तहसीलदार और आर आई खान एवं हल्का पटवारी कमलेश पवार के द्वारा पड़ोसी किसान इठोबा नरवरे को बिना पूर्व सूचना दिए सीमांकन नक्शे के विरुद्ध किया गया। जिसमें ग्राम कोटवार द्वारा बताया गया कि पटवारी ने पैसे के लालच में आकर नक्शे के विरुद्ध सीमांकन किया गया एवं शासकीय रास्ता जो की रिकॉर्ड में दर्ज है उसकी पोल फेंसिंग कर बंद कर दिया गया एवं शासकीय नाले को भी कुएं का मलबा डालकर बंद कर दिया गया। जिसकी शिकायत अनुविभागीय अधिकारी मुलताई को लिखित रूप से 06 जून 2022 को की गई, जिसमें एसडीएम से बार-बार निवेदन करने पर कारवाही नहीं हुई तो किसान के पुत्र दीपक कुमार द्वारा 181 पर शिकायत दर्ज कराई थी।
जिसमें एसडीएम एवम नायब तहसीलदार द्वारा मेरे ऊपर शिकायत हटाने के लिए दबा व बनाया गया,फिर भी शिकायत नहीं हटाई तो आनन फानन में 5 पटवारी यो का दल बनाकर मौके पर जाच के लिए भेजा । पटवारियों द्वारा पंचनामा बनाकर 07 जनवरी 2023 को नायब तहसीलदार को प्रस्तुत किया। जिसमे उल्लेख है कि अनावेदक कलावती पिता गोविन्दराव नागले एवम बटाईदार वसंत नागले के द्वारा मौके पर खसरा नंबर 460 नाला मद की भूमि बाधित है। जिससे बरसात का पानी सही जगह से नहीं निकल पा रहा है जिससे पड़ोसी किसान इठोबा नरवरे की 459/1, एवम 461/1 की फसल खराब हो जाती है एवम रास्ता भी बाधित है। इस प्रकार पटवारियों के दल द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के बाद भी नायब तहसीलदार द्वारा भारी भरकम पैसा कलावती नागले से लेकर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई एवं पीडि़त किसान को बिना कारवाही किए दबाव डालकर 181 पर की शिकायत बंद करवाई गई।
जिससे आक्रोशित किसान ने नायब तहसीलदार की सेवा समाप्ति की मांग को लेकर 3 अप्रैल को मुख्यमंत्री से मिलेंगे, साथ ही समाज सेवी दीपक कुमार द्वारा बताया गया कि तहसीलदार मध्य प्रदेश शासन की विकास यात्रा में सिर्फ दो ग्राम मासोद और सांईखेड़ा खुर्द में उपस्थित थीं बाकी माजरी , इटावा, चकोरा , सिरडी, सहनगांव, काजली, बोरगाँव में अनुपस्थित होने के कारण किसानों की समस्या का निराकरण नहीं हो पाया। इस प्रकार कार्य के प्रति लापरवाही एवं पैसे लेकर कानून को अपनी मर्जी से जागीर समझकर कार्य करने वाली भ्रष्टाचार में लिप्त नायब तहसीलदार की सेवा समाप्ति की मांग मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री से की जाएगी।
- अब मासोद के किसान पुलिस ग्राउंड और हेलीपेड के बीच रोकेंगे मुख्यमंत्री का काफिला और बताएंगे नौकरशाही की करतूत...
ताप्ती बीज उत्पादक समिति हिवरखेड़, सांईखेड़ा खुर्द, मासोद आदि क्षेत्र के सैकड़ों किसान जो कुजबा जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले थे। किसानों का कहना है कि अब उनकी जो प्लॉनिंग है उसके अनुसार सीएम के बैतूल आगमन पर उनके हेलीपेड और कार्यक्रम स्थल पुलिस ग्राउंड के बीच किसी स्थान पर सैकड़ों किसान सडक़ पर खड़े होकर सीएम को रोकेंगे और उनके साथ हुए अन्याय की पूरी जानकारी सीएम को देंगे। उनका कहना है कि बैतूल में जो वर्तमान कार्यप्रणाली ऐसी है कि आम नागरिकों को बिल्कुल न्याय नहीं मिलता। आवेदन लेकर उनके पास निवेदन करने जाओ तो सुनते है, लेकिन झूठे सच्चे आश्वासन दे देते है, लेकिन रिजल्ट बिल्कुल नहीं मिलता है। वर्तमान कलेक्टर के कार्यकाल में उपलब्धि के नाम पर यही है कि चंद पूंजीपतियों का संरक्षण करने के अलावा इन्होंने कुछ नहीं किया है। किसानों का तो यहाँ तक कहना है कि उनका जो नुकसान हुआ है उसकी पूरी जिम्मेदारी तात्कालिन उपसंचालक केपी भगत और कलेक्टर अमनवीर सिंह की ही है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 02 अप्रैल 2023