बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। किसानों को केन्द्र सरकार द्वारा 6 हजार रूपये एक वर्ष में तीन किश्तों के माध्यम से पीएम किसान सम्मान योजना के तहत दिए जाते है। वहीं प्रदेश सरकार भी इन किसानों को चार हजार रूपये दो किश्तों में देती है। इस तरह से प्रदेश और र ाज्य सरकार के माध्यम से किसानों को 10 हजार रूपये एक वर्ष में प्राप्त होते है।  दोनों ही स्कीम में किसानों की पात्रता के लिए नियम कायदे एक जैसे है, लेकिन इसके बावजूद दोनों योजनाओं में किसानों की संख्या में अंतर नजर आ रहा है और यह अंतर थोड़ा बहुत नहीं लगभग 7 हजार किसानों का है। अब सवाल यह है कि ऐसे कौनसे 7 हजार किसान है, जिन्हें पीएम किसान सम्मान योजना का पैसा तो मिल रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री किसान सम्मान का धेला भी नहीं मिला रहा है। अब यह सात हजार किसान किन कारणों से पीएम किसान में है, लेकिन सीएम किसान योजना में नहीं है। इसका कोई स्पष्ट जवाब किसी जिम्मेदार के पास नहीं है। वैसे भी बैतूल जिला प्रशासन में जो जिम्मेदार है वे डाटा जाहिर नहीं होने देते और जानकारियां छिपाते है। उनकी जानकारियां छिपाने का ही नतीजा है कि दोनों स्कीमों में 7 हजार किसानों का अंतर आ रहा है।

- पीएम किसान में 91 फीसदी ई-केवायसी वहीं सीएम किसान में 99 फीसदी वेरिफाईड...
15 मार्च 2023 की स्थिति में जो डाटा है उसके अनुसार पीएम किसान में 91.67 फीसदी किसानों का ई-केवायसी किया जा चुका है, जबकि 15 मार्च की स्थिति में सीएम किसान ने 99.36 प्रतिशत किसानों को वेरिफाईड किए जानकारी सरकारी आंकड़ों में बताई जा रही है। अब सवाल यह है कि आंकड़ों की इस बाजीगरी में 7 हजार किसान कहां लापता है। जहां पीएम किसान ने बैतूल नगर का कोई अलग से आंकड़ा नहीं है, जबकि सीएम किसान में बैतूल शहर में 255 किसान बताए जा रहे है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल