(बैतूल) बोरदेही पंचायत की दुकानों के मामले से हुआ खुलासा , - आमला जनपद सीईओ के टैलेंट के सामने जिला पंचायत सीईओ का दबदबा बेअसर , - राजनैतिक वरदहस्त के कारण सब पर भारी दानिश बाबू
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। आमला जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बोरदेही में दुकान नीलामी और आवंटन के जुड़े मामले में जांच से जो कुछ सामने आया उसके बाद जिला पंचायत सीईओ ने ग्राम पंचायत के तात्कालीन सरपंच, सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए लिखित आदेश दिए। साथ ही दुकानों के आवंटन को निरस्त कर पुन: नीलामी प्रक्रिया करने के लिए भी आदेश दिए थे। इन आदेशों को लेकर जनपद सीईओ दानिश खान ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने आरोपी पक्ष को जिला पंचायत सीईओ के आदेश पर स्थगन लाने के लिए पूरा मौका दिया। जिला पंचायत सीईओ के आदेश के एक माह बाद आरोपी पक्ष को स्थगन मिला। इस स्थगन को वैकेंट कराने के लिए जनपद सीईओ दानिश खान द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। यह स्थिति बताती है कि जिले में तेज तर्रार आईएएस के रूप में चर्चित जिला पंचायत सीईओ अभिलाष मिश्र पर अपने राजनैतिक वरदहस्त के कारण जनपद सीईओ दानिश खान भारी पड़ रहे है।
- 6 माह पहले एफआईआर के लिए जिला पंचायत सीईओ ने दिए थे आदेश...
जिला पंचायत सीईओ अभिलाष मिश्र ने 02 नवम्बर 2022 को जनपद सीईओ आमला को ग्राम पंचायत बोरदेही के दुकानों की नीलामी में सरपंच एवं सचिव द्वारा की गई आर्थिक अनियमितता जांच में पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे। इस आदेश में एफआईआर दर्ज करवाकर जिला पंचायत कार्यालय को अवगत कराने के लिए भी कहा था, लेकिन आज दिनांक तक एफआईआर ही दर्ज नहीं करवाई गई, जबकि शुद्ध आर्थिक अनियिमतता का मामला है।
- दुकानों की नीलामी और आवंटन भी निरस्त करने में की हीलाहवाली...
वहीं 02 सितम्बर 2022 को जिला पंचायत सीईओ ने एक अन्य आदेश जनपद सीईओ आमला को जारी किए। जिसमें उन्होंने नियम विरूद्ध 09 दुकानों की नीलामी और आवंटन को निरस्त करने और इन दुकानों को पुन: पंचायत के आधिपत्य में लेकर फिर से नीलामी करने के आदेश जारी किए थे। इन आदेशों के बावजूद दुकानों को सील करने की कोई प्रक्रिया नहीं की गई। हालत यह है कि दुकानदार स्टे ले आया, जो एक दुकान में स्टे नहीं आया है उसे भी सील नहीं किया।
नीलामी में पंचायत को मिले 34 लाख 29 हजार रूपये 08 कामों में किए बर्बाद
दुकानों की नीलामी प्रक्रिया को लेकर शिकायत के बाद जो जांच हुई उसमें यह सामने आया कि ग्राम पंचायत को 09 दुकानों की नीलामी से जो 39 लाख 84 हजार 200 रूपये मिले थे उसमें से 34 लाख 29 हजार 978 रूपये इन्हीं 8 कामों में बर्बाद कर दिए गए है,इसे शासकीय धन का अपव्यय माना गया। मामले में शिकायत करने वाले संदीप वाईकर का कहना है कि पूरे मामले से स्पष्ट है कि जनपद सीईओ ने जिला पंचायत सीईओ को अपना पूरा टैलेंट दिखा दिया है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 13 अप्रैल 2023