(बैतूल) श्री क्षेत्र हिवराधाम में धूमधाम से होगा माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ के शुभ विवाह का आयोजन , - महावीर देवअखाड़ा में शिवरात्रि मंगलवार 18 अप्रैल चैत्र (सौर वैशाख) मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी शिवरात्रि को होगा दिव्य - भव्य शिवजी - पार्वतीजी का वैवाहिक समारोह आयोजित
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । मंगलवार 18 अप्रेल को शिवरात्रि तिथि में महावीर देवअखाड़ा श्री क्षेत्र हिवरा में धूमधाम से माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ का शुभ विवाह होना सुनिश्चित किया गया है।
जैसा कि आपको विदित है महावीर देव अखाड़ा श्री क्षेत्र हिवरा किसी भी प्रकार के परिचय पर निर्भर व आश्रित नहीं है। यहां हर दिन दिव्य शक्तियां अपना परिचय स्वयं देती है। इसी श्रंखला में भूतभावन भगवान भोलेनाथ व जगत माता पार्वती जो कि दिव्य शक्तियों से परिपूर्ण है। वे लगभग ग्यारहवी शताब्दी से अपनी पूर्ण शक्तियों से मंदिर को आक्रान्ताओं द्वारा ध्वस्त किये जाने के कारण वंचित रहे और जब शिव के साथ शक्ति नहीं होती तो शिव का स्वरूप अधूरा होता है।
हमारा परम सौभाग्य है कि हमें दिव्य संतों एवम गुरूजनों का मार्गदर्शन समय-समय पर प्राप्त होता रहता है। श्री क्षेत्र हिवरा में माता पार्वती व भोलेनाथ इस श्रीक्षेत्र विध्वंस के बाद अलग - अलग स्थान पर मंदिर परिसर में थे। अनभिज्ञता के कारण वहां के भक्तगण माता पार्वती की पांडव रूप में पूजा किया करते थे। क्योंकि इनका स्वरूप पाँच पांडव जैसा है ।
अब मंदिर के प्रत्येक दिन बढऩे वाले वैभव व भव्यता तथा दिव्यता से यहां सिद्ध संतों व गुरूजनों का शुभागमन प्रारंभ हुआ है, वहीं इस क्षेत्र के गुरू जो लगभग आठ पीढिय़ों से इस क्षेत्र में सद्गुरू है। उनके साक्ष्य व मार्गदर्शन के बाद ज्ञात हुआ कि ये पांडव नहीं माता पार्वती है जो भगवान भोलेनाथ के साथ रहती है और ऐसा ही हु-ब-हू स्वरूप देउळगांव राजा में शिव मंदिर में हमें भी देखने को मिलता है जो मंदिर भी आदिकाल का है।
सदगरू के मार्गदर्शन पश्चात माता पार्वती को भगवान भोलेनाथ के पास देवयोग से शिवरात्रि के दिन ही पहुंचाया गया, परंतु किसी प्रकार का पूजन विधि संपन्न नहीं की गई थी । ज्ञात हो कि महा शिवरात्रि भगवान भोलेनाथ व माता पार्वती के विवाह का दिन होता है।
लेकिन यहाँ ऐसा न होने पर देउळगांव राजा के सद्गुरू संत श्री को स्वप्र में इस घटना का साक्षात्कार हुआ कि श्री क्षेत्र हिवरा में माता पार्वती व भगवान भोलेनाथ न जाने कितनी पीढिय़ों से अलग-अलग थे। जो पूर्ण रूप में नहीं है, और इन्हें पूर्ण शक्ति व पूर्वा शक्ति में लाने के लिए शिवरात्रि के दिन इनका विवाह संपन्न कराया जाए। उनके आदेशानुसार आगामी मंगलवार 18 अप्रैल चैत्र (सौर वैशाख) मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी शिवरात्रि को भगवान भोलेनाथ व माता पार्वती के भक्तों पर पूर्ण कृपा हेतु भव्य वैवाहिक समारोह आयोजित किया जाना सुनिश्चित किया गया है।
भगवान भोलेनाथ - माता पार्वती के विवाह समारोह तथा शतचंडी महायज्ञ आयोजन समिति श्री क्षेत्र हिवराधाम के समस्त भक्तगण इस दिव्य वैवाहिक समारोह में आपकी अपनी सहपरिवार सहभागिता एवम पुण्यलाभ प्राप्त करने की अपेक्षा रखती है।