बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। श्री महावीर (हनुमान) देवस्थान के सार्वजनिक स्थल का मामला अब आम लोगों में चर्चा और चिंतन का विषय बन चुका है। हिवरा और उसके आसपास जो भी देवस्थान से जुड़ा व्यक्ति है वह अब यह सवाल कर रहा है कि आखिर झंडी - मुंडी को किसी भी जागरूक और समझदार व्यक्ति के देवस्थान से जुडऩे पर पेट दर्द क्यों होता है ? इसके साथ बड़ा सवाल यह है कि यह झंडी - मुंडी जो स्वयं भी बाहरी है वह क्यों दूसरों को घुसपैठियां करार देकर अनावश्यक विरोध पैदा करने का षडय़ंत्र क्यों कर रहे हैं ? अब पूरे इलाके में सबको पता है कि झंडी - मुंडी कौन है!

खैर पूरे मामले में अब गोवर्धन की भूमिका को लेकर आम लोग विश्लेषण कर रहे हैं और वे यह जानना चाहते है कि देव स्थान की जमीनों की बंदरबांट किस तरह से की गई और किन लोगों के द्वारा की गई?

- देव स्थल की जमीन दान कर दानवीर बन गए गोवर्धन बाबू...
देवस्थान की जमीन खुर्दबुर्द करने के खेल में यह भी सामने आ रहा है कि अपने आप को दानवीर दिखाने के लिए गोवर्धन ने अपने और अपने परिजनों के नाम पर रजिस्ट्रर्ड कराई गई जमीन स्कूल के लिए दान देकर दानवीर कर्ण बनने की कोशिश की है। उसने यह सब किस अधिकार से किया इसको लेकर बहुत से सवाल हैं? यहां की जमीन खुर्द-बुर्द करने के खेल में यह भी एक पहलू है। अब वहां से जुड़े श्रद्धालुओं की इच्छा है कि शिवाजी महाराज के सर्वे से लेकर मिसलबंदी रिपोर्ट और मालगुजारी रिकार्ड में दर्ज लगभग 65 एकड़ जमीन का पूरा हिसाब - किताब सार्वजनिक हो, और उसकी एक-एक इंच जमीन की जानकारी सबको पता लगे साथ ही यह भी ज्ञात हो कि किसने और कैसे लगभग 65 एकड़ जमीन को मात्र 16 एकड़ बना दिया? क्योंकि यह जमीन महावीर देवस्थान की है।

- झंडी - मुंडी है बाहरी फिर भी हिवरा देवस्थान में क्यों है बोलबाला...
दूसरों को बाहरी और घुसपैठिया बताकर दुष्प्रचार करने वाली झंडी-मुंडी को लेकर लोग यह जानना चाहते हैं कि जब वे खुद बाहरी है तो फिर इनका मंदिर में इतना बोलबाला क्यों है? लोग यह भी जानना चाहते है कि मंदिर जीर्णोद्वार समिति एवं शतचंडी महायज्ञ आयोजनकर्ताओं को लेकर इनके पेट में इतना दर्द क्यों है और उन्हें बाहरी घुसपैठिया क्यों बताते है? साथ ही इस सार्वजनिक स्थल को छिन्न - भिन्न करने का पूरा खेल क्या है?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 13 मई 2023