बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। श्री महावीर (हनुमान) देवस्थान हिवरा को लेकर गोवर्धन जिस तरह से प्रपंच कर रहा है। उससे लोगों को साफ नजर आ रहा है कि उसकी मंशा धर्म से ज्यादा कुछ और ही है। यही कारण है कि अपने राजनैतिक रसूख का उपयोग करते हुए पुलिस की मौजूदगी में विशेष ग्रामसभा का आयोजन करवाया जाता है? जिसमें मंदिर बनाए जाने का प्रस्ताव लिया जाता है! आखिर गोवर्धन चाहता क्या है यह सबसे बड़ा सवाल है? क्या वह चाहता है कि मंदिर और देवस्थान पर उसका एकाधिकार रहे वहां पर होने वाली गतिविधियां और चल-अचल संपत्ति को लेकर पारदर्शिता न रहे? क्या गोवर्धन यह चाहता है कि मंदिर और देवस्थान से ऐसे लोग नही जुड़े जो वहां पर लोगों को जोडऩे का काम करते है? आखिर वजह क्या है कि गोवर्धन को पुलिस की मौजूदगी में इस तरह से विशेष ग्राम सभा करवाकर समिति बनाने का उपक्रम करना पड़ रहा है?  इन सवालों का जवाब आज नहीं तो कल गोवर्धन को स्वयं ही देना पड़ेगा? 

- किस स्वार्थसिद्धी के लिए धर्म में राजनीति की घुसपैठ करा रहे झंडी - मुंडी...
आठनेर, हिवरा और उसके आसपास के ग्रामों में सबकी जुबान पर एक ही सवाल है, आखिर झंडी-मुंडी चाहते क्या है? उनका ऐसा कौन सा स्वार्थ है जिसकी वजह से वे धर्म के अंदर स्वार्थ की राजनीति को घुसेड़ रहे है? जो क्षेत्र में राजनीति करते है वे भी इस खेल को समझ चुके है, इसलिए कोई भी झंडी-मुंडी को किसी भी स्तर पर समर्थन देने के लिए तैयार नहीं है! अब हर तरफ यह सवाल है कि यह कैसे हिन्दू हैं जो इस तरह से धर्म विरोधी गतिविधियों को करके बढ़ावा दे रहे और अपनी नेतागिरी चमका रहे है। अब लोग जानना चाहते हैं कि पुलिस की मदद लेने की जरूरत क्यों पड़ रही है। क्यों विशेष ग्राम सभा बुलाकर अलग से मंदिर समिति बनाने के लिए उठा पठक करनी पड़ रही है? ऐसी स्थिति में अब कलेक्टर की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे पूरे मामले में हस्तक्षेप करें और वहां पर प्रशासक बैठा दे और यह प्रशासक वहां उठ रहे तमाम आरोपों और सवालों की विधिवत जांच करें और वहां पर होने वाली धार्मिक गतिविधियों के संचालन के लिए एक निष्पक्ष व्यवस्था बनाए जिसमें किसी भी विवादित, राजनीतिक व्यक्ति विशेष का हस्तक्षेप नही हो।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल, 15 मई 2023