(बैतूल) सोनाघाटी में सरकारी हाईस्कूल के पीछे चल रहा है बेखौफ खनन , - समतलीकरण की आड़ में नियमों की टांग तोडक़र पहाडिय़ोंं का कत्लेआम
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। शहर से लगे सोनाघाटी क्षेत्र में बेखौफ होकर माफिया दिनदहाड़े खनन कर रहा है। जमीन समतलीकरण के नियमों की टांग तोडक़र यह सब खनन करवाया जा रहा है। वहां पर कथित अवैध कालोनाईजरों द्वारा यह सब किया जा रहा है, जिससे पूरी सोनाघाटी की बहुचर्चित पहाडिय़ों का अस्तित्व ही खतरे में आ गया है। खनिज विभाग, राजस्व विभाग और वन विभाग सब इस खनन के बारे में जानते है और जो खनन करवा रहे है उनके बारे में भी बखूबी जानते है। इसके बावजूद इस खनन को रोकने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। हर दिन वहां से 20 से 25 डम्पर मुरम निकाली जा रही है। करीब-करीब 1 किलोमीटर के दायरे में 500 मीटर की चौड़ाई तक पहाडिय़ों को जेसीबी, पोकलेन की मदद से छलनी कर दिया गया है। जिस जगह अवैध खनन हो रहा है, वहां पर वाहनों की आवाजाही और मुरम की वजह से एक से डेढ़ फीट मोटी बारिक मुरम की परत ऐसी जम गई है कि जिस पर मोटर साईकिल से आवाजाही भी मुश्किल है। जो कुछ हो रहा है वह कहीं न कहीं अवैध ही है, लेकिन अज्ञात कारणों से इस मामले में खनिज विभाग या राजस्व विभाग या वन विभाग हस्तक्षेप नहीं कर रहा है। सबको पता है कि अवैध खनन कौन करवा रहा है और चर्चा तो यह है कि जो अवैध खनन करवा रहा है उसने सबका मुंह बंद कर रखा है। यही कारण है कि दिनदहाड़े पोकलेन से पहाडिय़ों को छलनी कर डम्पर से मुरम की ढुलाई हो रही है।
- फैक्ट 01 : होना चाहिए सीमांकन...
जिस तरह से हाईस्कूल सोनाघाटी के पीछे पहाडिय़ों को छलनी किया गया है उसमें पर्यावरण नियमों की खुली अवहेलना हुई है। पेड़ों को धराशाही भी किया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि यदि सीमांकन करवाया जाए तो वन भूमि में भी खनन होना सामने आएगा। यह तब आएगा जब प्रशासन सीमांकन करवाएगा?
फैक्ट 02 : 05 हजार डम्पर मुरम...
जिस स्तर पर खनन हुआ है कम से कम यहां से 5 हजार डम्पर मुरम निकालकर बेचा गया है। स्वाभाविक है कि यदि जमीन समतलीकरण में भी अनुमति है तो भी खनन किए गए मुरम की रायल्टी जमा होना चाहिए। अब खनिज विभाग की जिम्मेदारी है कि मौके पर जाकर खनन का मूल्यांकन कर रायल्टी जमा करवाएं।
फैक्ट 03 : बहुत डिमांड में है मुरम...
सोनाघाटी की मुरम उम्दा क्वालिटी की मुरम है और इसकी अच्छी कीमत मिलती है। इसलिए इसकी डिमांड भी रहती है। इस क्षेत्र में एक ही आर्यपुरा वाला माफिया ही खनन करता है। यह बात जिला पंचायत के एक जनप्रतिनिधि ने ऑफ द रिकार्ड चर्चा में बताई। खनन क्षेत्र के आगे ही उनका भी ईंट का भट्टा लगा हुआ है। इसलिए वे भी चुप रहते है। इस क्षेत्र में एक ही आर्यपुरा वाला माफिया ही खनन करता है। यह बात जिला पंचायत के एक जनप्रतिनिधि ने ऑफ द रिकार्ड चर्चा में बताई। खनन क्षेत्र के आगे ही उनका भी ईंट का भट्टा लगा हुआ है। इसलिए वे भी चुप रहते है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 04 जून 2023