(बैतूल) अवैध खनन में तहसीलदार पकड़ते हैं डम्पर पर एसडीएम छोड़ देते है..! - मामले में मौखिक रूप से प्रभारी कलेक्टर को हुई शिकायत
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। पावर ग्रिड का सेहरा में निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें खनन भी हो रहा है और इस खनन को लेकर सूचना मिलने पर तहसीलदार अतुल श्रीवास्तव ने तीन डम्पर पकड़े भी, लेकिन बताया गया कि बाद में एसडीएम ने छोड़ दिया? पूरे मामले में डम्पर पकडऩे और छोडऩे को लेकर लेनदेन के आरोप लग रहे है और मामले में प्रभारी कलेक्टर आईएएस अभिलाष मिश्रा को भी पूरे मामले की शिकायत की जा चुकी है और पूरा मामला उनके संज्ञान में है। जिस तरह की स्थितियां है उसमें यह पूरा मामला संदिग्ध है और उच्च स्तरीय जांच का विषय माना जा रहा है। पावर ग्रिड के पास खनन की अनुमति है या नहीं इसको लेकर भी खनिज विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे है! जिस तरह से तीन डम्पर पकडक़र छोड़े गए उसको लेकर तहसीलदार और एसडीएम की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे है? जिस पैमाने पर वहां खनन हुआ है उसे देखते हुए रायल्टी जमा न होने से शासन को राजस्व का नुकसान है?
- जांच का विषय...तीन डम्पर छोडऩे में लग रहे लेनदेन के आरोप...
बताया गया कि 05 - 06 जून को तहसीलदार अतुल श्रीवास्तव और उनके साथ पटवारी तथा अन्य स्टॉफ द्वारा मौके पर पहुंचकर तीन डम्पर पकड़े थे जिसमें मुरम, मिट्टी भरी हुई थी। इन तीनों डम्परों को पकडऩे के बाद फिर छोड़ दिया गया।
छोडऩे को लेकर एक डम्पर मालिक का आरोप है कि डेढ़ लाख रूपये की डिमांड की जा रही थी। 1 लाख 20 हजार रूपये लेकर डम्पर छोड़े गए। इस आरोप को बल इसलिए मिलता है कि कायदे से इन वाहनों को संबंधित थाना क्षेत्र में खड़ा करवाना था। इसके बाद विधिवत जांच या दस्तावेज देखने के बाद इसे छोड़ा जाना चाहिए था। इन डम्परों को कहीं पर भी खड़ा नहीं किया गया और बताया जा रहा है कि छोड़ दिया गया। अब सवाल यह है कि क्या पावर ग्रिड के ठेकेदार विजय कुमार पटेल निवासी इटारसी के पास खनिज विभाग की विधिवत अनुमति है या नहीं? जिस तरह से डम्पर छोड़े गए और आरोप लग रहे है उसे देखते हुए जांच की जाना अत्यंत जरूरी है? क्योंकि पूरे मामले में लेनदेन के आरोप लग रहे है। जिसको लेकर भी गोलमोल जवाब सामने आ रहे हैं ।
- इनका कहना...
- तहसीलदार ने जो प्रतिवेदन दिया उसके आधार पर ही मैंने डम्पर मुक्त किए है। अपनी तरफ से नहीं किए है।
- के सी परते, एसडीएम, बैतूल।
- शासकीय कार्य था और मटेरियटल का अन्यत्र उपयोग नहीं किया जा रहा है। इसलिए डम्पर मुक्त किए। उनके पास अनुमति है।
-अतुल श्रीवास्ताव, तहसीलदार, बैतूल।
- पावर ग्रिड के ठेकेदार ने किसी तरह की अनुमति ली है, इसकी कोई अधिकृत जानकारी मेरे पास नहीं है। अभी हाल ही में उनका अनुमति के लिए आवेदन आने की जानकारी मुझे पता लगी है।
-भगवत नागवंशी, प्रभारी खनिज अधिकारी, बैतूल।