(बैतूल) कलेक्टर साहब ध्यान दें ... - जनप्रतिनिधियों की हो रही उपेक्षा , - चोरी-चोरी, चुपके-चुपके बांटा जा रहा मुफ्त का सरकारी बीज
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। खरीफ सीजन में किसानों के लिए प्रदर्शन सहित अन्य तरह का उन्नत बीज सरकार द्वारा नि:शुल्क वितरण के लिए दिया गया है, यह बीज कब आया और कब से बट रहा है। इसकी जानकारी किसी भी स्तर पर कृषि विभाग द्वारा सार्वजनिक नहीं की गई। चोरी-चोरी और चुपके-चुपके तरीके से बीज वितरण किया जा रहा है। अब ऐसी स्थिति में किन किसानों को मिल रहा है और किन किसानों को नहीं मिल रहा है? यह स्पष्ट नहीं हो रहा है। अपने एसी चेम्बर में बैठे उपसंचालक कृषि विभाग श्री रजक से नि:शुल्क बीज स्कीम, टारगेट और उपलब्धता को लेकर सवाल पूछा गया तो पहले तो टालमटोल करने लगे और स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे थे। जिससे कई तरह का संदेह पैदा होता है और इस मामले में जांच की जरूरत महसूस होती है, और सबसे बड़ी बात यह है कि सरकारी स्कीम में बीज वितरण हो रहा है और जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी तक नहीं है । विपक्ष तो छोडि़ए सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों को भी अंधेरा में रखा जरा है।
- मक्का बीज आया और खत्म हो गया पर अधिकांश किसानों को पता ही नहीं चला...
बताया गया कि हाईब्रिड डीएचएम-2121 मक्का बीज नि:शुल्क वितरण के लिए आया था, जिसमें 5 एकड़ तक के किसान को यह बीज दिया जाना था। अकेले बैतूल तहसील के लिए करीब 70 क्विंटल बीज आना बताया जा रहा है। 460 रूपए कीमत की मक्का बीज की है थैली 5 किलो वजन की थी। पूरे जिले के कितना बीज आया और किसे दिया गया कुछ भी स्पष्ट नहीं है पर बीज खत्म हो गया है।
- सोयाबीन बीज भी खत्म होने की कगार पर आ गया पर अधिकांश को पता नहीं...
अधिकांश किसानों को इस बात की जानकारी नहीं है कि लघु सीमांत किसानों के लिए नि:शुल्क सोयाबीन का 2034 वैरायटी का बीज बटने के लिए आया था। करीब 900 थैलियां तो बैतूल तहसील के लिए आई है। 8 किलो की इस थैली की कीमत 650 रूपए बताई जा रही है। पूरे जिले के लिए कितना बीज आया कहां बटा और किसे दिया जा रहा है इसकी की भी कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं ।
- इनका कहना...
अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे है। सांसद को बताया जाएगा और डीडीए को समझाया जाएगा कि पारदर्शिता रखे और जनप्रतिनिधियों को बुलाकर वितरण करवाएं।
- महेश्वर सिंह चंदेल, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष, बैतूल ।
भाजपा के राज में अधिकारी खुला भ्रष्टाचार कर रहे है, सरकारी स्कीम का फायदा जरूरतमंद किसानों को नहीं देते है, इसलिए तो चोरी-चोरी, चुपके-चुपके इस तरह से बीज बांट दिया जाता है।
- रमेश गायकवाड़, किसान कांग्रेस अध्यक्ष, बैतूल ।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 24 जून 2023