बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। प्रबंधन में लेने के बाद फिर मुक्त होना फिर वापस प्रबंधन में लिए जाने के बाद भी फाईव स्टार कालोनी के डेव्हलपर्स के क्रियाकलापों से लग नहीं रहा है कि वे कलेक्टर के आदेश पर पुन: प्रबंधन में कालोनी के जाने का उन पर कोई असर हुआ होगा? यही कारण है कि 14 जुलाई को कालोनी प्रबंधन में जाने के बाद भी कालोनी में डेव्हलपर्स लगातार निर्माण कार्य करा रहे है, जबकि कालोनी प्रबंधन में जाने के बाद वहां पर एक पत्थर भी लगाना हो तो उसकी अनुमति प्रशासन द्वारा दी जाती है! प्रबंधन में का मतलब ही यह होता है कि पूरी कालोनी को प्रशासन ने अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया है। अब ऐसे में यदि वहां कालोनाईजर या डेव्हलपर्स कोई भी निर्माण कार्य करता है तो उस पर एफआईआर होना चाहिए। पूर्व में भी जब कालोनी को 04 जून 2021 को जब पहली बार प्रबंधन में लिया गया था और उसके बाद भी कालोनाईजर कालोनी में निर्माण कार्य करा रहा है तो तात्कालीन एसडीएम सीएल चनाप ने पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर डेव्हलपर्स के खिलाफ एफआईआर के लिए संबंधित तहसीलदार को लिखित आदेश दिए थे। हालांकि एसडीएम का तबादला होने के बाद इस आदेश का परिपालन नहीं किया गया था , लेकिन यह आदेश अभी भी खारिज नहीं किया गया है। वहीं अब इस कालोनी को 14 जुलाई को फिर प्रबंधन में लिया गया है। इसके बावजूद कालोनाईजर या डेव्हलपर्स वहां निर्माण कार्य करा रहा है तो फिर उस पर फिर एफआईआर होना चाहिए?


इधर तहसीलदार ने बताया कि उन्हें शनिवार को ही शासकीय अवकाश के बावजूद एसडीएम से कालोनी को प्रबंधन में लेने का पत्र मिला है और उन्होंने संबंधित को कॉलम 12 में प्रबंधन में दर्ज करने के निर्देश दिए है। हालांकि जब ऑनलाईन देखा गया तो वहां पर प्रबंधन दर्ज नहीं था। इधर चर्चा है कि डेव्हलपर्स को लग रहा है कि एडीएम के रिलीव होने के बाद फिर वे सब मैनेज कर लेंगे। हालाकि एडीएम ने कलेक्टर के आदेश पर पुन: परीक्षण कर कालोनी को प्रबंधन में लेने के आदेश जारी किए थे।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 30 जुलाई 2023