(आठनेर) श्री महावीर देवस्थान हिवरा को लेकर पीएमओ से आई जाँच में पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर बनी रिपोर्ट संदेह के दायरे में..!, - बड़ा सवाल : - सुनियोजित तरीके से खसरा बदलवाकर मंदिर की जमीन को छिन्न - भिन्न करने वाले कब आएंगे सबके सामने..? , - आखिर किसके दबाव में बनाई गई ग़लत रिपोर्ट , उच्चस्तरीय गहन जाँच का विषय..? , - वर्तमान दस्तावेजों में बावली और सार्वजनिक स्थल सहित मंदिर गायब होने की खबर से भक्तों और धर्मावलंबियों में पनप रहा आक्रोश..!
(आठनेर) श्री महावीर देवस्थान हिवरा को लेकर पीएमओ से आई जाँच में पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर बनी रिपोर्ट संदेह के दायरे में..!,
- बड़ा सवाल : - सुनियोजित तरीके से खसरा बदलवाकर मंदिर की जमीन को छिन्न - भिन्न करने वाले कब आएंगे सबके सामने..? ,
- आखिर किसके दबाव में बनाई गई ग़लत रिपोर्ट , उच्चस्तरीय गहन जाँच का विषय..? ,
- वर्तमान दस्तावेजों में बावली और सार्वजनिक स्थल सहित मंदिर गायब होने की खबर से भक्तों और धर्मावलंबियों में पनप रहा आक्रोश..!
बैतूल /आठनेर । आठनेर विकासखण्ड के ग्राम हिवरा स्थित लगभग पांच सौ वर्ष पुराने श्री महावीर देवस्थान माँ भवानी शंकर मंदिर को लेकर पीएमओ से आई जाँच में पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर बनी रिपोर्ट प्रथम दृष्टया संदेह के दायरे में नज़र आ रही है। जिस तरह से जाँच रिपोर्ट की कंडिकाओं में फेरबदल किया जाकर श्री महावीर देवस्थान को राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं है ऐसा तक बताया गया है, यह बातें अब हिवरा सहित आठनेर विकासखण्ड और जिले भर में चर्चा का विषय बनी हुई है? धर्मावलंबियों, आम लोग एवम मंदिर से जुड़े श्रद्धलुओं सहित जिलेवासी अब इसकी वास्तविकता जानना चाहते हैं कि आखिर किसके दबाव में उक्त ग़लत रिपोर्ट बनाई गई , जिसकी सूक्ष्मता से गहन जाँच होना चाहिए?
- पीएमओ ने विभाग से जाँच में क्या माँगा...
विगत 06 मई 2023 को प्रेषित शिकायती पत्र के माध्यम से भारत के प्रधानमंत्री से श्री महावीर देवस्थान की जाँच एवं न्यास की श्रेणी में अंकित कराने हेतु निवेदन किया गया था। जिसमे पीएमओ कार्यालय से 16 मई 2023 को इस शिकायत को क्रमांक 160 देकर प्राथमिकता से PMOPG/D/2023/0104083 के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज करते हुए वहाँ से P/96/CS. MP. को मार्क करते हुए मध्यप्रदेश की सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत क्रमांक 22286245 पर मय दस्तावेज भेजकर पीएमओ द्वारा चाहा गया था कि श्री महावीर देवस्थान शासकीय दस्तावेजानुसार लगभग 500 वर्ष पूर्व का होकर स्वयं-भू भगवान के नाम से भूमि में भी दर्ज है, वहीं भारत सरकार के 1919-20 के गजट नोटिफिकेशन के नियमानुसार यह स्थल न्यास की श्रेणी में आता है। जिसकी सूक्ष्मता से विभागीय जाँच कर वास्तविक रिपोर्ट चाही गई थी।
- प्रतिवेदन में शासकीय दस्तावेज परिवर्तन की कोशिश...
हल्का पटवारी ने जो जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और पी एम ओ भेजने जो प्रतिवेदन बनाया गया उसमें श्री महावीर देवस्थान को 1919-20 की मिशल बंदोबस्त में खसरा नंबर 117/1, रकबा 23.65 एकड़, कालम 13 कैफियत में श्री महावीर देवस्थान दर्ज बताया है। वहीं 1973-74 के अधिकार अभिलेखनुसार खसरा नंबर बदलकर 154 कर दिया , रकबा भी कम करके 1.849 हेक्टेयर, कालम 10 में मंदिर तीन, सार्वजनिक दर्शाया गया है जबकि पुरातन बावली का कहीं कोई उल्लेख तक नहीं किया गया है जबकि यहाँ मंदिर तीन, बावली एक और सार्वजनिक स्थल दर्ज किया जाना चाहिए था । इतना ही नहीं पाँचशाला खसरा वर्ष 2005-06 से 2009-10 में खसरा नंबर पुनः बदलकर 154/1, रकबा कम करके 1.707 हेक्टेयर अलग-अलग भूमिस्वामी के नामे दर्ज बताया गया है साथ ही पांचशाला खसरा 2005-06 से 2009-10 के खसरा नंबर 154/1 में बदलकर कॉलम नंबर 12 कैफियत में मंदिर तीन दर्ज बताया गया है। जाँच प्रतिवेदन की अंतिम कंडिका में पुनः बदलकर खसरा नंबर 154/1/1/2 में रकबा भी और कम करके 0.129 हेक्टेयर भूमि पर केवल श्री महावीर देवस्थान मंदिर स्थित है बताया वहीं वर्तमान अभिलेख खसरा वर्ष 2023-24 के कॉलम 12 कैफियत में श्री महावीर देवस्थान को भी राजस्व अभिलेख में दर्ज नहीं है ऐसा बताया गया है! यहाँ खसरा, रकबा, तीन मंदिर, एक बावली और सार्वजनिक स्थल सब कुछ समाप्त कर दिया गया है जो कि सूक्ष्मतम और गहन जाँच का विषय है?
- भू-अभिलेख में और खसरे के परिवर्तन पर किसका अधिकार...
गौरतलब है कि श्री महावीर देवस्थान जो कि पूर्व में शासकीय दस्तावेज में शून्य हैं , जिसका खसरा नंबर नहीं है? जो कि पीएमओ को प्रेषित दस्तावेजों में संलग्न भी है, जिनमे 1919-20 की मिशल बंदोबस्त और नक्शा , 1946-47 तथा 1973-74 के भू - अभिलेख, नक्शे में दर्ज हैं। वहीं अब उसे नया खसरा नंबर दिया किसने और किसके कहने पर दिया? क्या यह किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से अथवा राजनैतिक प्रतिनिधि को अपना हित साधने हेतु अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया है? वे कौन लोग हैं जो इस मंदिर की सैकड़ो वर्ष पुरानी जमीन हथियाने के लिये यह सब हठकंडे अपना रहे हैं।
इसका खुलासा तभी हो पायेगा जबकि बड़े स्तर पर एक टीम गठित कर जाँच करवाई जाये?
- पटवारी ने सीएम हेल्पलाइन शिकायतकर्ता के घर जाकर क्यूँ करवा दी बंद..?
हल्का पटवारी ने शिकायतकर्ता हनुमंतराव पटेल के घर जाकर उनसे झूठ बोलकर उनका मोबाइल लेकर सीएम हेल्पलाइन आखिर क्यों और किसके कहने पर बंद की ? इसकी भी जाँच नितांत आवश्यक है जिससे सच्चाई सबके सामने आयेगी। शिकायतकर्ता हनुमंतराव पटेल का कहना है कि पटवारी ने उन्हें झूठ बोलकर दिग्भ्रमित करके उनकी पीएमओ से आई सीएम हेल्पलाइन को बंद करवाया है वे पटवारी के विरुद्ध उचित कार्यवाही हेतु संबंधित विभाग में उसके खिलाफ नामजद शिकायत करेंगे और निष्पक्ष जाँच करने की मांग करेंगे।
- क्यों नहीं है सम्भव आरटीआई के तहत जानकारी प्रदान करना...
श्री महावीर देवस्थान की पीएमओ से आई जाँच से संदर्भित पटवारी प्रतिवेदन, पंचनामा एवं कलेक्टर बैतूल को प्रेषित जाँच प्रतिवेदन, अनुविभागीय अधिकारी भैसदेही को प्रेषित पत्र, सी एम हेल्पलाइन सहित अन्य दस्तावेज आर टी आई के अन्तर्गत आवेदन लगाकर चाहे गये। जिसके प्रतिउत्तर में कार्यालय तहसीलदार आठनेर द्वारा पत्र क्रमांक/ टी के जी /2023/210, दिनांक 28 जुलाई 2023 के माध्यम से आवेदक को कंड़िका 1 से 5 तक की जानकारी मूल प्रति इस कार्यालय द्वारा अनुविभागीय अधिकारी भैसदेही को प्रेषित कर दिया जाना बताकर सत्यप्रतिलिपियाँ प्रदान करना सम्भव नहीं है? ऐसा पत्र आवेदक को सौंपकर तहसीलदार आठनेर द्वारा ईतीश्री कर ली गई?
अब जागरूक लोगों का कहना है कि अब जिला कलेक्टर स्वयं संज्ञान लेकर इस पूरे प्रकरण की एक उच्चस्तरीय दल बनाकर निष्पक्ष और सटीक जाँच करवाकर पीएमओ को प्रेषित करें।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 01 अगस्त 2023