(बैतूल) अचानक नाम घोषित कर सबको भाजपा ने चौंकाया , - सर्वे में मुश्किल नजर आ रही है सीटों पर भाजपा ने अभी से घोषित किए प्रत्याशी
बैतूल (हेडलाइन) / नवल वर्मा । भाजपा ने गुरूवार दोपहर में अपनी 60 उम्मीदवारों की सूची जारी कर राजनैतिक हल्के में सबको चौंका दिया है। थोड़ी देर तक तो किसी को यकीन ही नहीं हुआ कि भाजपा ने मप्र में 39 और छत्तीसगढ़ में 21 उम्मीदवार घोषित कर दिए है। जो सूची जारी हुई उसमें बैतूल की दो विधानसभा सीटों पर भी प्रत्याशी घोषित किए गए है। हालांकि दोनों नाम को लेकर पहले से तय माना जा रहा था कि इन्हीं को उम्मीदवार बनाया जाएगा। इनको उम्मीदवार बाए जाने की बड़ी वजह यह मानी जाती है कि उक्त दोनों सीट पर इन दोनों के अलावा कोई भी ऐसा उम्मीदवार नहीं है जिसकी अपनी सीधी पकड़ हो। वैसे भी दोनों को मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की गुड बुक वाला माना जाता है। भाजपा ने उन सीटों पर उम्मीदवार जल्दी घोषित किए है, जहां पर सर्वे में कांग्रेस मजबूत स्थिति में नजर आती है और जहां पर पिछले चुनाव में भाजपा हारी थी। भाजपा की इस रणनीति के पीछे वजह यह है कि उसे लगता है कि जिसे उम्मीदवार घोषित किया जा रहा है, वह ज्यादा समय मिलने पर कांग्रेस की मजबूत दीवार में आसानी से सेंध लगा सकता है और पहले से उम्मीदवार घोषित करने से संगठन भी उसके आसपास ताकत से काम करने लगेगा। गौरतलब रहे है कि मुलताई में चन्द्रशेखर के अलावा नरेश फाटे, सुभाष देशमुख, हेमंतराव देशमुख आदि भी दावेदार थे। वहीं भैंसदेही विधानसभा में तो सबसे बड़ी समस्या जयस है। यदि कांग्रेस और जयस में समझौता हुआ तो तय माना जा रहा है कि भैंसदेही विधानसभा जयस के खाते में जाएगी। वैसे आरएसएस के सर्वे में बैतूल, आमला और शाहपुर को लेकर भाजपा की स्थिति ठीक बताई जा रही है। जिसमें बैतूल और शाहपुर को ए प्लस सीट माना जा रहा है। फिलहाल यह तमाम तथ्य भाजपा की आंतरिक बातों से सामने आ रहा है। हालांकि कांग्रेसी इस तरह के तथ्यों से इत्तेफाक नहीं रखते है।
- चंद्रशेखर देशमुख...
9 फरवरी 1956 को जन्मे चंद्रशेखर देशमुख पार्टी के कई पदों पर रहे हैं। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत 1983 में तिलहन उत्पादक सहकारी समिति परसोडी से की थी । उसके बाद वह 1988 में हिरड़ी के सरपंच चुने गए। पार्टी ने उन्हें 1994 में मंडल महामंत्री बनाया था। उसके 2 साल बाद वे मंडल अध्यक्ष के पद पर आसीन हुए। यही नहीं जिला पंचायत में भी उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और 2005 में वे जिला पंचायत के उपाध्यक्ष बने।
- महेन्द्र सिंह चौहान...
भाजपा ने इस बार फिर महेन्द्र सिंह चौहान को भैंसदेही में अपना प्रत्याशी घोषित किया है। महेन्द्र सिंह चौहान इस सीट पर पहले भी विधायक रह चुके है। आदर्श धनोरा निवासी महेंद्र पूर्व विधायक केशरसिंह के पुत्र है। इसके पहले महेंद्र 2003 और 2013 में विधायक चुने गए थे। 2003 में उन्होंने कांग्रेस के रामा ककोडिय़ा को शिकस्त दी थी। जबकि 2013 में उन्होंने मौजूदा विधायक धर्मूसिंह को हराया था। पार्टी ने उन्हें 2018 में भी उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे धरमू से 13 हजार वोटो से चुनाव हार गए थे। 2008 में भी उन्हे 6 हजार वोटो से शिकस्त मिली थी।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 18 अगस्त 2023