बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। आमला में सुशीला मालवीय की अवैध कालोनी लोगों के लिए आफत बन गई? क्योंकि प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नही किया? कायदे से 04 नवम्बर 2022 को कालोनी को प्रबंधन में डालने के साथ-साथ उस पर एफआईआर भी दर्ज की जानी थी और इसके लिए मुलताई एसडीएम, नगरपालिका सीएमओ और क्षेत्र का हल्का पटवारी जिम्मेदार है? 
बैतूल कलेक्टर ने अवैध कालोनियों पर एफआईआर के लिए सभी एसडीएम और नगरपालिका के सीएमओ को कई बार पत्र लिखा और टीएल की बेैठक में निर्देश भी दिए। इसके बावजूद यदि आमला में इस अवैध कालोनी पर एफआईआर नहीं की गई तो पूरी नैतिक जिम्मेदारी मुलताई एसडीएम और आमला सीएमओ की और तहसीलदार तथा हल्का पटवारी की ही बनती है। क्योंकि यह कालोनी नगरपालिका क्षेत्र की है और इस कालोनी में एसडीएम मुलताई को प्रतिवेदन बनाकर एडीएम बैतूल को भेजना था। फिर एडीएम बैतूल के निर्देश पर नगरपालिका इसमें आमला थाने में एफआईआर करवाती। आमला के सीएमओ द्वारा अपने इस कर्त्तव्य का पालन नहीं किया गया और इससे साफ नजर आ रहा है कि दाल में कहीं न कहीं काला है। आमला सीएमओ ने पंचवटी कालोनी में भी लोगों की शिकायत के बाद भी एफआईआर जैसी कार्रवाई नहीं की थी।
वैसे 22 अक्टूबर 2021 को ही कलेक्टर ने एक पत्र जारी किया था, जिसमें अवैध कालोनियों के मामले में एफआईआर के लिए स्पष्ट रूप से कहा गया था। ऐसी स्थिति में 04 नवम्बर 2022 को जब कालोनी को प्रबंधन में लिया गया तब कालोनी में एफआईआर करवाई जाना चाहिए थी। कायदे से तो अभी भी इस कालोनी में एफआईआर की कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन ऐसा तब होगा जब वर्तमान एडीएम पूर्व एडीएम की तरह सजगता और सक्रियता दिखाते हुए अपनी ईमानदारी का पूरा परिचय देवेंगे।

- 20 फीट की सडक़ बताई 12 फीट की दिखाई और वह भी लापता...
- कालोनी के प्लॉट क्रेताओं ने बताया कि कालोनाईजर सुशीला पति संजय मालवीय ने बताया था कि आवागमन के लिए 20 फीट की रोड है जो बाद में रजिस्टर्ड पत्र में 12 फीट की बताई और हालत यह है कि वर्तमान में वह भी लापता है। जिसकी शिकायत तहसीलदार, एसडीएम, पटवारी सबको की पर कोई भी सुन नहीं रहा है!
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 11 सितंबर 2023