बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । सनातन में भक्ति मार्ग का आधार है प्रेम। श्री राधा प्रेम का एवं श्री कृष्ण भक्ति का प्रतीक हैं, ईश्वर की भक्ति तभी प्राप्त होगी जब उससे अनन्य प्रेम होगा, इसी प्रेम से मीरा सूरदास व रसखान जैसे भक्तों ने कृष्ण को पाया क्योंकि भगवत प्रेम ही राधा है। राधा महारानी का जन्मोत्सव बीजासनी माता मंदिर बैतूल में हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया गया। जैसे ही 12 बजे राधा जी के जन्म का समय पास आ रहा था। वैसे-वैसे भक्त भक्तगण प्रेम रस से सराबोर राधे-राधे नाम जप में नृत्य में बेसुध  से होकर लीन होते जा रहे थे। ठीक रात्रि 12 बजे राधा जी की आरती के साथ दूध मिठाई एवं साबूदाना खिचड़ी का भोग लगाया गया, जिसका प्रसाद सभी भक्तों में वितरित किया गया। इस आयोजन को सफल बनाने में नगर के सभी पत्रकार बंधुओं,    व्यापारियों, जनप्रतिनिधियों, पुलिस एवं सामान्य प्रशासन ने पूर्ण सहयोग प्रदान किया। बीजासनी मंदिर समिति ने इन सभी का तहेदिल से आभार प्रदर्शित किया है। साथ ही कार्यक्रम में शामिल सभी श्रद्धालुओं के द्वारा बरते गए अनुशासन, साउंड व टेंट साज सज्जा  व्यवस्था से जुड़े लोगों की लगन व मेहनत के लिए भी आभार प्रदर्शित किया है। राधाष्टमी तथा राधानाम  के महत्व पर प्रकाश डालते हुए आयोजक समिति के अध्यक्ष पं.दीपक शर्मा ने बताया कि आगामी वर्षों में घर घर में राधा जी के नाम की गूंज होगी तथा इस आयोजन को वृहद स्तर पर किया जाएगा। पंजाबी कृष्ण मंदिर समिति एवं पंजाबी समाज का विशेष आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि राधा जन्माष्टमी के महत्व को समझते हुए उन्होंने भी इस उत्सव को मनाने की शुरुआत की है जो एक सकारात्मक अच्छी पहल है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 23 सितंबर 2023