बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। सितम्बर माह में हुई धुंआधार बारिश में फसलों को हुए नुकसान को लेकर सरकार की मंशा है कि आचार संहिता लगने के पहले नुकसानी का आंकलन सामने आ जाए तो किसानों को मुआवजा दिया जा सके। चूंकि पटवारी अभी हाल ही में हड़ताल से लौटे है। ऐसे में व्यापक सर्वे होने में समय लग सकता है। इसलिए सरकार प्रयास कर रही है कि नजरिया आंकलन के आधार पर ही मुआवजे को लेकर बजट आवंटन किया जा सके। बताया गया कि सभी तहसीलदारों ने अपने-अपने क्षेत्र में हुई नुकसानी को लेकर नजरिया आंकलन के आधार पर सरकार को डिमांड भी भेज दी है। 
जैसे बैतूल तहसील ग्रामीण में 30 से 35 प्रतिशत का नुकसान होने के आधार पर डिमांड भेजी गई है। वहीं शनिवार को सभी अनुविभाग में एसडीएम और तहसीलदार ने पटवारी और आरआई के साथ एक बैठक की जिसमें आने वाले चार-पांच दिनों में फसल नुकसानी का तेजी से सर्वे कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। 
बैतूल तहसीलदार अतुल श्रीवास्तव का कहना है कि जिन क्षेत्रों में नुकसान हुआ उसको लेकर एक सामान्य जानकारी उपलब्ध है और उसके आधार पर आने वाले तीन-चार दिनों में सर्वे कराने की कोशिश की जा रही है। वहीं दूसरी ओर सरकार की प्रयास है कि आचार संहिता लगने के पहले हर किसान को नेत्राकंन सर्वे के आधार पर ही मुआवजा दिया जा सके। वहीं कृषि एवं पंचायत विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा पटवारियों की हड़ताल की वजह से जो रिपोर्ट दी गई थी, उसको लेकर भी राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठक में चर्चा और मंथन हुआ है। पटवारियों ने बताया कि बिना गिरदावरी और फसल कटाई प्रयोग के सटीक नुकसान का आंकलन संभव नहीं है। राजस्व नियमों के तहत पहले गिरदावरी करेंगे और इसके बाद फसल कटाई प्रयोग प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन यदि प्रति हेक्टेयर से जितना कम है उसके आधार पर किसानों को सर्वे कर मुआवजा देंगे। बैतूल जिले में वर्तमान में करीब 4 लाख 41 हजार हेक्टेयर में बोवनी होना बताया जाता है। जिसमें 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर में मक्का, 2 लाख 2 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन, 33 हेक्टेयर में धान आदि की बोवनी होना कृषि विभाग के रिकार्ड के अनुसार है, जिसमें गन्ना, मक्का, सोयाबीन को नुकसान होना बताया जा रहा है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 02 अक्टूबर 2023