(बैतूल) किलेदार राजा...दिलदार राजा... , - बैतूल जिले की राजनीति का कुशल कद्दावर व्यक्त्वि

बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल जिले की राजनीति में अलग-अलग व्यक्त्तिव के और अलग-अलग पकड़ वाले राजनेता हैं और आगे भी रहेंगे, लेकिन उनमें भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र से आने वाले दुर्गाचरण सिंह राजा भैया का अपना एक अलग ही व्यक्तित्व है। इस कद्दावर शख्यिसत की खूबी यह है कि उनका सरनेम किलेदार है और नाम चर्चित नाम राजा है, लेकिन वह असल में राजा जैसे ही दिलदार व्यक्ति है। वे जिसके साथ है उसके साथ पूरे समर्पण और निष्ठा के साथ रहते हैं बात के धनी है और मदद करने के मामले में उनके दोनों हाथ खुले हुए है। जो उन्हें करीब से जानते-समझते है, उनका कहना हेै कि राजा भैया हाजिर जवाब और उनका सेंस ऑफ ह्युमर गजब का है। वे जितना मुद्दों और लोक हित को लेकर गंभीर है। उसी तरह वे सामान्य व्यवहार और बातचीत में अपनी चुटीली बातों से हास परिहास का माहौल बना देते है। राजा भैया का राजनैतिक सफर संघर्ष और जीवटता से भरा हुआ है। उन्होंने अपने परिवार की तरक्की का रास्ता भी खोला, परिवार को एकजुट भी रखा और यही कारण है कि आज राजा भैया के पीछे पूरा किलेदार परिवार ताकत से खड़ा नजर आता है। राजा भैया के साथ जिन्होंने राजनीति की है उनका कहना है कि उन्हें चुनावी राजनीति का अच्छा अनुभव है। वे चुनावी हवा को भांपने में माहिर है। लोगों का तो यहाँ तक भी कहना है कि वे कुशल रणनीतिकार है और एक तरह से कहे तो अपने आप में किंगमेकर भी हैं ।
- 1967 में शुरू हुआ सार्वजनिक जीवन का सफर...
भैंसदेही निवासी किलेदार परिवार के युवा दुर्गाचरण सिंह का सार्वजनिक जीवन का सफर 1967 एक जन आंदोलन से हुआ। इसके बाद जनसंघ से जुड़े और बैतूल जिले के पहले मंत्री जीडी खण्डेलवाल के नेतृत्व में उन्होंने जिले की राजनीति में अपना सफल योगदान देना शुरू किया। खेड़ी निवासी स्व. श्री पृथ्वीराज सिंह परिहार के उत्साह वर्धन और सहयोग से राजा भैया ने अपनी कार्यकुशलता के दम पर जल्द ही एक शानदार और मेहनती कार्यकर्ता के रूप में पूरे जिले के जनसंघ में अलग पहचान कायम कर ली। कहते है कि योजनाबद्ध काम करने के मामले में जो तरीका शुरूआती दौर में राजा भैया का था, वही सलीका और तरीका आज भी बरकरार है। वे जिस काम को हाथ में लेते है उसे अंजाम तक पहुंचाने में विश्वास रखते है। उनकी सार्वजनिक जीवन की सफलता का सबसे बड़ा मूलमंत्र यह है कि वे बिना किसी व्यक्तिगत लोभ लालच के काम करते है। इसलिए जिसके भी साथ रहे उसका पूरा विश्वास उन्हें हासिल रहा।
- भाजपा में निभाई बड़ी जिम्मेदारी...
राजा ठाकुर ने संगठन के अंदर लंबे समय तक अलग-अलग पदों पर काम किया है। उन्होंने भाजपा को जिले में मजबूत करने में खून पसीना बहाया है। वे वर्ष 1990 भाजपा के जिला महामंत्री बने और जिला महामंत्री रहते हुए उन्होंने संगठन के कामों में बखूबी अपना योगदान दिया। इसके बाद वे 1993 में भाजपा के जिलाध्यक्ष बने। भाजपा के जिलाध्यक्ष रहते भाजपा ने चुनावी सफलताएं हासिल की। इसके बाद 1996 में उन्हें राष्ट्रीय परिषद का अध्यक्ष बनाया गया, जो वे 2003 तक इस पद पर कायम रहे और इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर बैतूल को मजबूती से प्रस्तुत किया।
- दिग्गजों के साथ राजा भैया...
राजा भैया ने अपने राजनैतिक जीवन में कई दिग्गजों के साथ काम किया और मंच शेयर किया है। एक जमाने में जब लालकृष्ण आडवानी की तूती बोला करती थी उस जमाने में उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी की सभा का मंच संचालन किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी, कुशाभाऊ ठाकरे, राज माता सिंधिया सहित स्व. सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी, कैलाश नारायण सारंग आदि भाजपा के दिग्गजों के साथ अलग-अलग समय पर काम किया है। उनके सानिध्य में रहकर अपनी प्रतिभा और अपनी कार्यकुशलता का परिचय दिया।
- राम जन्म भूमि आंदोलन में भूमिका...
जब देश में 90 के दशक में रामजन्म भूमि आंदोलन चल रहा था, उसमें भी राजा ठाकुर ने अपनी बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कारसेवकों के एकत्रिकरण से लेकर उन्हें अयोध्या जाने के लिए प्रेरित करने के लिए बड़ी भूमिका अदा की है। उन्होंने राम जन्म भूमि आंदोलन को बैतूल जिले में बड़ा करने में अथक मेहनत की है। उन्होंने भैंसदेही जैसे आदिवासी क्षेत्र में भी हम हिन्दू है का नारा बुलंद किया। उनकी वजह से ही भैंसदेही और भीमपुर क्षेत्र में हम मंदिर वहीं बनाएंगे का नारा एक जन नारा बना और लोगों का हिन्दू संगठनों के प्रति रूझान बढ़ा।
- क्षेत्र विकास को लेकर आवाज...
भैंसदेही क्षेत्र की जन समस्या और विकास को लेकर राजा ठाकुर की आवाज हमेशा बुलंद रही है। कुर्सी जलाशय निर्माण को लेकर जन आंदोलन का उन्होंने नेतृत्व किया है और उसका परिणाम भी लोगों ने देखा है। कहते है कि मेंढा डेम की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर वे निरंतर प्रयासरत रहे है। अलग-अलग स्तर पर उन्होंने मेंढा की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर आवाज बुलंद की है, लोगों के हुजुम के साथ ज्ञापन आंदोलन किया है और उसका नतीजा यह रहा कि मेंढा जलाशय की ऊंचाई बढ़ाने का निर्णय शासन ने भी लिया। जिसकी घोषणा भी सीएम ने की।
- बतौर जिला पंचायत सदस्य राजा ठाकुर जनहित के मुद्दों पर नौकरशाही को अपने तथ्यों से करते हैं कायल...
बतौर जिला पंचायत सदस्य भी राजा ठाकुर पूरी क्रियाशिलता और ऊर्जा के साथ हर बैठक में मौजूद रहते है वे जनहित के हर मुद्दों को जिला पंचायत की बैठक में उठाते है। वे जिला योजना समिति की बैठक में भी अपने जिला पंचायत क्षेत्र के साथ-साथ जिले के अन्य क्षेत्र की समस्याओं को लेकर पूरे तथ्यों के साथ बात रखते है और उनकी बात सुनी भी जाती है। राजा ठाकुर ने अपने शुरूआत राजनैतिक जीवन में ही भैंसदेही पूर्णा मार्केटिंग के अध्यक्ष के तौर पर अपनी प्रतिभा को निखारा और उसका फायदा पूर्णा मार्केटिंग को खूब मिला। राजा ठाकुर ने एक जनप्रतिनिधि के तौर पर जबरदस्त क्षमता है, जिसका प्रमाण जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक के दौरान भी देखने में आता है। वे अपने तर्क और तथ्य के आधार पर अधिकारियों को कायल कर देते हैं ।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 12 अक्टूबर 2023