(बैतूल) ग्रामीणों में चुनाव को लेकर उत्साह पैदा करने में प्रत्याशियों को करनी होगी जोर आजमाईश , - फिलहाल तो चुनाव पर भारी है खेतीबाड़ी
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल विधानसभा के आठनेर क्षेत्र और मुलताई विधानसभा के बिसनूर - सांईखेड़ा सेक्टर, भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र का बाकुड़ सेक्टर, घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र का रानीपुर सेक्टर के गांव का दौरा और ग्रामीणों से फीडबैक लेने के बाद एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि हाल फिलहाल ग्रामीण क्षेत्र की राजनीति में चुनाव नजर नहीं आ रहा है। ग्रामीणों का पूरा फोकस फिलहाल अपनी खेती बाड़ी पर है। किसानों का कहना है कि अपना काम देखे या चुनाव देखे। खेती बाड़ी के काम के लिए यही सही समय है। कुछ जगह कटाई चल रही है तो कुछ जगह पर किसान खेत बना रहे है तो कुछ जगह पर बोवनी की तैयारी है। किसान खाद, बीज के जुगाड़ में लगा हुआ है, इसलिए उनका फोकस चुनाव पर बहुत ज्यादा नहीं है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में चुनाव शबाब पर ही नहीं आ पाया है। जिस तरह की स्थितियां नजर आ रही है, उसमें दीवाली जैसा त्यौहार सामने होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में चुनाव को लेकर बहुत ज्यादा माहौल बनेगा इसकी गुंजाईश कम है।
- चुनाव में प्रत्याशियों को लेकर खुलकर बोलने से बचते है ग्रामीण...
ग्रामीण क्षेत्र में चुनाव और प्रत्याशियों को लेकर सवाल करने पर ग्रामीण बहुत ज्यादा खुलकर बात नहीं करते है। बैतूल विधानसभा क्षेत्र और मुलताई विधानसभा क्षेत्र में तो ग्रामीण मतदाता सवाल को टालने का प्रयास करता है। यदि कोई किसी पार्टी या प्रत्याशी का समर्थक है तो वह जरूर जोर लगाकर यह बताने की कोशिश करता है कि फलाने उम्मीदवार या पार्टी का उसके क्षेत्र में जोर है, हालाकि उसकी बातचीत से ही समझ आ जाता है कि वह किसी पार्टी या प्रत्याशी का समर्थक है।
- दीपावली बाद के चार-पांच दिन चुनाव को करेंगे डिसाईड...
जो स्थितियां ग्रामीण क्षेत्र में नजर आ रही है, उससे तो साफ लगता है कि फिलहाल चुनाव का उत्साह लोगों में बहुत ज्यादा नहीं है और न ही इसको लेकर बहुत ज्यादा चर्चाए हो रही है। इसलिए यह माना जा रहा है कि 12 नवम्बर को दीपावली त्यौहार के बाद के चार दिन चुनाव की दशा-दिशा डिसाईड करेंगे।
- मीडिया और सोशल मीडिया का भी बहुत ज्यादा जोर नहीं दिखता ...
ग्रामीण क्षेत्र में चुनाव को लेकर मीडिया और सोशल मीडिया दोनों का बहुत ज्यादा जोर नजर नहीं आ रहा है । हालत यह है कि परम्परागत तरीके से झंडे बैनर और प्रचार वाहन वाला प्रचार-प्रसार भी ग्रामीण क्षेत्र में फिलहाल बहुत ज्यादा दिखाई नहीं दे रहा है। इक्का-दुक्का गाडिय़ां ही प्रचार करते नजर आती है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 05 नवंबर 2023