(बैतूल) श्री महावीर देवस्थान माँ भवानी शंकर मंदिर हिवरा से जुड़े सर्वसमाज के प्रतिनिधि मिलेंगे प्रधानमंत्री मोदी से, - सौपेंंगे स्वयं-भू न्यास से संदर्भित छत्रपति वीर शिवाजी कालीन दस्तावेज, - पीएमओ से आई जाँच को लेकर भी मोदी जी का करेंगे धन्यवाद -साधुवाद ज्ञापित
सर्वराकार - मालगुजार हनुवन्तराव देशमुख एवम् मंदिर निर्माण - जीर्णोद्धार समिति के वरिष्ठजन चाहते हैं पीएम से दो-पाँच मिनिट का भेंट हेतु समय
हिवरा / बैतूल । बैतूल जिले में आगामी 14 नवम्बर को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित दौरे को दृष्टिगत रखते हुए श्री महावीर देवस्थान माँ भवानी शंकर मंदिर हिवरा से जुड़े सर्वसमाज के प्रतिनिधि मंदिर प्रबन्धन समिति के सर्वराकार और मालगुजार हनुवन्तराव देशमुख एवम् मंदिर निर्माण - जीर्णोद्धार समिति के नेतृत्व में ग्राम के वरिष्ठजन तथा इस देवस्थान से असीम श्रद्धा रखने वाले समस्त भक्तगण पीएम मोदी से दो-पाँच मिनिट का भेंट हेतु समय चाहते हैं ।
गौरतलब है कि इस श्रीक्षेत्र श्री महावीर देवस्थान माँ भवानी शंकर मंदिर हिवरा आठनेर से जुड़े समस्त समाज प्रमुख, बैतूल जिले सहित आसपास के सभी भक्तों और स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा ग्राम हिवरा के वरिष्ठजन भी इस देवअखाड़े को न्यास में सम्मिलित कराकर उसकी समुचित व्यवस्था शासकीय गाइडलाइन के अनुसार कराने को लेकर एकजुट हैं और सभी चाहते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय से जो इस देवस्थान को संज्ञान में लिया गया है उसमें त्वरित जांच कराकर उचित कार्यवाही अविलम्ब की जावे।
उक्ताशय में ग्राम हिवरा के वयोवृद्ध , सर्वराकार और मालगुजार हनुवन्तराव देशमुख पटेल और संजय देशमुख पटेल ने बताया कि जिले भर के सर्वसमाज के जिलाध्यक्ष द्वारा इस श्रीक्षेत्र को लेकर लिखे गये पत्र एवम् छत्रपति वीर शिवाजी कालीन समस्त दस्तावेजों से
प्रधानमंत्री मोदी जी को अवगत कराने तथा उनके कार्यालय द्वारा विगत मई माह में हमारे द्वारा भेजे गये पत्र को आधार मानकर जो जाँच कराई जा रही है उसके लिये उनका साधुवाद और धन्यवाद ज्ञापित किया जायेगा ।
वहीं इस पावन देवभूमि को दस्तावेजों के अनुसार जो कि स्वयं-भू न्यास की श्रेणी में अंकित है उसी के अनुसार इस पावन पवित्र श्रीक्षेत्र श्री महावीर देवस्थान को दर्ज कराने की माँग की जावेगी ।
मंदिर निर्माण एवम् जीर्णोद्धार समिति के सदस्य गोलू उघडे़ , डा. नितिन देशमुख और नवल वर्मा ने बताया कि यह देवस्थान महाराज छत्रपति वीर शिवाजी के काल का अतिप्राचीनतम धरोहर है जिसे सहेजना हमारा परम कर्तव्य है जिसका निर्वहन ही उनके तथा यहाँ इस देवअखाडे़ से जुड़े सनातनियों का मूल उद्देश्य है ।