बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष सुनील गुड्डू शर्मा ने जारी विज्ञप्ति में आरोप लगाया है कि विश्व विख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) की पिछले वर्ष बैतूल में आयोजित हुई माँ ताप्ती शिव महापुराण कथा को सत्ता के मद में कैंसिल करवाने का प्रयास करने वाले अधर्मी को अब जनता सबक सिखाएगी। इस अधर्मी द्वारा कथा को कैंसिल करवाने पूरा प्लान बना लिया गया था। कथा स्थल पर भूमिपूजन और ध्वज पूजन होने और डोम तथा टेंट लगने की शुरुवात होने के बाद कथा शुरू होने के मात्र 3 सप्ताह पूर्व कथा स्थल के लिए परमिशन कैंसिल करवा दी गयी। उनकी मंशा थी की इतने कम समय में अब दूसरी जगह व्यवस्था करना असम्भव होगा और पं.प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने से जिलेवासी वंचित रह जाएंगे।
लेकिन वह तो भला हो आयोजन समिति का जिसने नए कथा स्थल पर मात्र 15 दिन पहले अनुमति मिलने के बाद जिले के धर्मप्रेमियों की मदद से युद्धस्तर पर तैयारी कर निर्धारित समय में तैयारिया पूरी कर ली। जिससे जिले की जनता को पंडाल की बैठकर पं.प्रदीप मिश्रा की माँ ताप्ती शिव महापुराण कथा सुनने का पुण्य मिल पाया। कांग्रेस कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनील गुड्डू शर्मा ने उक्त आरोप लगाते हुए कहां की अब जनता पं.प्रदीप मिश्रा की कथा से वंचित करने वाले अधर्मी को सबक सिखाएगी।

- किस्मत से मिला था जिलेवासियों की सौभाग्य...
       कांग्रेस जिलाध्यक्ष पं.सुनील शर्मा ने बताया कि बैतूल जिले की जनता को किस्मत से पंडित प्रदीप मिश्रा की माँ ताप्ती शिव महापुराण कथा पंडाल में बैठकर सुनने का सौभाग्य मिला था। बैतूल के बाथरे परिवार और किलेदार परिवार के संयुक्त प्रयास से जिले में पिछले साल 12 से 18 दिसंबर तक माँ ताप्ती शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जाना था। इस ऐतिहासिक कथा के सफल आयोजन के लिए माँ ताप्ती शिव पुराण सेवा समिति का गठन किया गया था जिसमे राजा ठाकुर को संरक्षक बनाया गया था।

- किलेदार गार्डन में हुआ था भूमिपूजन, ध्वजपुजन...

       श्री शर्मा ने बताया आयोजन समिति द्वारा बालाजीपुरम रोड पर ब्रह्मकुमारी आश्रम के पास किलेदार गार्डन में कथा स्थल नियत किया था जहाँ 16 एकड़ में बैठक व्यवस्था करने के साथ 35 एकड़ जमीन में पार्किंग की व्यवस्था की गई थी। आयोजन समिति द्वारा कथा शुरू होने के एक माह पूर्व 14 नवंबर 2022 को किलेदार गार्डन में भूमिपूजन और ध्वजपूजन कर धर्म ध्वज स्थापित किया था। आयोजन समिति के संरक्षक राजा ठाकुर, बाथरे परिवार की वरिष्ठ सदस्य कौशल्या बघेल और जिले के प्रमुख धर्मप्रेमियों की उपस्तिथि में पं.संजय व्यास ने पूजा करवाई थी। कथा स्थल पर भोजन शाला, शौचालय, स्नानगृह, पार्किंग की व्यवस्था करवाने के साथ तैयारी शुरू कर दी गई थी। भूमिपूजन के दो दिन बाद 16 नवंबर को प्रशासन की ओर से उस समय के अधिकारी एडीएम, एएसपी, एसडीएम, तहसीलदार, एसडीओपी, टीआई, में कथा स्थल का निरीक्षण कर आयोजन समिति के सदस्य से चर्चा भी की थी। अगले दिन आमला विधायक डॉ.योगेश पंडाग्रे ने भी कथा स्थल पहुंच कर पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया था

- अधर्मियों ने चलाया था कथा कैंसिल करने का कुचक्र...
      गुड्डू शर्मा ने कहा कि बैतूल के इतिहास के सबसे बड़े आयोजन को अपने नफा-नुकसान के चलते सत्ता के मद में चूर कुछ अधर्मियों ने कथा कैंसिल करवाने के लिए चाल चलनी शुरू की। 20 नवंबर को जब लोनारी कुंबी समाज ने बडोरा माचना पुल के पास श्रमदान कर पार्किंग व्यवस्था बनाने की शुरुआत की। सभी धर्मप्रेमी जनता निस्वार्थ भाव से सहयोग करने लगी, तब पहली बार एसडीएम और एसपी ने कथा स्थल बदलने के संकेत दिए। दोनो अधिकारियों ने साकादेही के पास 35-40 एकड़ में कथा करवाने का सुझाव दिया। वही 21 नवंबर को प्रभारी कलेक्टर ने कथा स्थल किलेदार गार्डन को उपयुक्त नहीं बताकर मुख्य जजमान संजय रश्मि बाथरे को फोरलेन के आसपास कथा स्थल चयन करने के निर्देश दिए। 22 नवंबर को एसडीएम बैतूल ने किलेदार गार्डन में कथा स्थल की अनुमति का आवेदन निरस्त कर दिया। जबकि आयोजन स्थल पर डोम और टेंट लगना शुरू हो गए थे।

- निलय डागा ने की थी 64 एकड़ जमीन देने की पेशकश...
      प्रशासन द्वारा कथा स्थल की अनुमति का आवेदन निरस्त करने के बाद बैतूल विधायक निलय डागा आयोजन करवाने आगे आए। श्री शर्मा ने बताया की विधायक निलय डागा ने 22 नवंबर को ही आयोजन समिति को पत्र लिखकर खेड़ी मार्ग पर स्थित ग्राम परसोड़ा में डागा वेयरहाउस के समीप कथा के लिए अपनी 64 एकड़ भूमि निशुल्क देने की पेशकश की। जिसमे कथा स्थल और बैठक व्यवस्था के लिए उनकी पत्नी के स्वामित्व वाली 25 एकड़ जमीन और पार्किंग व्यवस्था के लिए उनकी माताजी के स्वामित्व वाली 39 एकड़ जमीन देने की पेशकश की। इतना ही नही उक्त भूमि पर गेहूँ की बोवनी हो जाने के बावजूद श्री डागा ने कथा कैंसिल होने से बचाने के लिए गेहूं की फसल को हटाकर निशुल्क जमीन देने की पेशकश की थी।

- 16 दिन पहले कोसमी में दी कथा की अनुमति...
     प्रशासन द्वारा कथा स्थल की अनुमति निरस्त करने के बाद 23 नवंबर को आयोजन समिति ने पुनर्विचार करने आवेदन दिया, लेकिन प्रशासन की टीम ने कथा स्थल का एक बार और  निरक्षण किया और 24 नवंबर को बैतूल एसडीएम ने पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर किलेदार गार्डन में कथा की अनुमति देने से इंकार कर दिया। कथा शुरू होने के 16 दिन पहले 26 नवंबर को प्रशासन द्वारा बैतूल - नागपुर फोरलेन सड़क पर कोसमी में कथा करवाने की अनुमति दी। श्री शर्मा ने बताया की अधर्मियो की मंशा थी की इतने जल्दी कथा की तैयारी नही हो पाएगी और कथा कैंसिल करनी पड़ेगी।

- सभी के सहयोग से संपन्न हुई कथा...
     श्री शर्मा ने बताया 26 नवंबर को अनुमति मिलने के बाद 27 नवंबर को ही आयोजन समिति ने नए स्थान पर भूमिपूजन कर युद्धस्तर पर तैयारिया शुरू कर दी। 3 दिसंबर को किलेदार गार्डन में लगाई गई धर्म ध्वज विशाल शोभा यात्रा के साथ कोसमी में प्रस्तावित कथा स्थल लाई गई। सभी धर्मप्रेमियों ने आगे बढ़कर निस्वार्थ भाव से तन मन धन से सहयोग किया। 3 दिसंबर को बैतूल विधायक निलय डागा और डॉ.योगेश पंडाग्रे तथा 4 दिसंबर को मुलताई विधायक सुखदेव पांसे ने तैयारियों का जायेज़ा लिया और पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया। जिससे जिलेवासियों को पं.प्रदीप मिश्रा की माँ ताप्ती शिव महापुराण कथा पंडाल में बैठकर सुनने का पुण्य प्राप्त हुआ। अधर्मियों की कथा  कैंसिल करवाने की चाल विफल हुई और बैतूल के इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन संपन्न हुआ। श्री शर्मा ने कहा कि शिवभक्त सब जानते है की ऐसे अधर्मी कौन है ? और उन्हे सबक सिखाने का मन अब जनता बना चुकी है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 16 नवंबर 2023