बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। डब्ल्यूसीएल की खदानों में ठेका कंपनियों की मनमानी चरम पर है और इसको लेकर स्थानीय बेरोजगार जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक अपना दुखड़ा सुना सके, लेकिन उन्हें कहीं से भी कोई राहत नहीं मिलती है। पिछले दिनों उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर को एक ज्ञापन देकर वस्तु स्थिति से अवगत कराया था, लेकिन कलेक्टर को आवेदन देने के बाद भी बैतूल के श्रम विभाग ने कोई एक्शन नहीं लिया और नही कोई जांच की। 
इन बेरोजगारों की तरफ से लड़ाई लड़ रहे युवा क्रांति मंच का कहना है कि डब्ल्यूसीएल के अंतर्गत वर्तमान में कोयला उत्पादन करने वाली खदानों पर निजी ठेका कंपनियों द्वारा क्षेत्र के युवाओं के साथ कई वर्षो से वीटीसी कराने के नाम पर वसूली की जा रही है और फिर रोजगार उपलब्ध कराने के नाम पर बिचौलियों के माध्यम से भी रूपए लिए जाते है। उनका आरोप है कि बाहर से आए ठेका श्रमिकों को कम मानदेय पर काम कराने लाकर स्थानीय बेरोजगारों को काम नहीं दिया जा रहा है। इस संगठन का कहना है कि शासकीय उपक्रम में स्थानीय वीटीसी प्रशिक्षित युवाओं को ही बेरोजगार करने का काम किया जा रहा है। इससे स्थानीय श्रमिकों में आक्रोश व्याप्त है।
 उनका आरोप है कि स्थानीय युवाओं ने दो महीने तक हजारों रूपए खर्च कर भूमिगत खदान में काम करने का वीटीसी प्रमाण पत्र प्राप्त किया और उन्हें ही रोजगार नहीं दिया जा रहा है। ठेकेदारों द्वारा निजी ठेका श्रमिकों से वीटीसी के मेडिकल के नाम से भी हजारों रूपए वसूल किए जाते है। जबकि डब्ल्यूसीएल के हॉस्पीटल में मेडिकल के नाम पर मात्र 940 रूपए की ही रसीद काटी जाती है, ेलेकिन ठेकेदार यहां भी गलत तरीके से वसूली करने में बाज नहीं आते है। 
उनका यह भी आरोप है कि वीटीसी प्रशिक्षण के नाम पर ठेकेदारों द्वारा 20 दिनों में सरफेस का प्रशिक्षण और 28 दिनों तक खदान के अंदर प्रशिक्षण के नाम पर कोयला उत्पादन में मजूदरी करवा ली जाती है। 
उन्होंने बताया कि अरविंदो और जीएमएस कंपनी के ठेकेदारों द्वारा स्थानीय श्रमिकों को कम मानदेय पर काम दिया जाता है और स्थानीय वीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं से रोजगार के नाम पर मोटी रकम की मांग की जाती है। इन लोगों का कहना है कि इस संबंध में 2 अक्टूबर को डब्ल्यूसीएल महाप्रबंधक को 6 बिंदुओं के साथ ज्ञापन दिया गया था। इसमें भी कोई हल नहीं निकला। जिसमें 9 अक्टूबर को प्रबंधक ने मुलाकात के दौरान कहा था कि हम कोई रोजगार उपलब्ध नहंी करा सकते तुम खुद ठेकेदार बन जाओ। इस तरह की स्थितियां बताती है कि किस तरह से क्षेत्र में बेरोजगारों के साथ छल हो रहा है और सबसे बड़ी बात यह है कि इतना बड़ा मुद्दा भी चुनाव में किसी की जुबान पर नहीं आया।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 23 नवंबर 2023