(बैतूल) रेरा के बार-बार पत्र लिखने के बाद भी जानकारी न देने पर उठ रहे सवाल , - किन अवैध कालोनाईजरों को प्रशासन रेरा से बचाना चाह रहा
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। नागरिक अधोसंरचना के लिए चिन्हित की गई जिन 302 कालोनीयों के मामले में कायदे से पहले एफआईआर दर्ज होना चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं अब इन कालोनियों के मामले में जो जनहित के हिसाब से एक्शन होना चाहिए वह भी प्रशासन नहीं ले रहा है। हालत यह है कि इन कालोनियों को रेरा के दायरे में लाना चाहिए और इनका रजिस्ट्रेशन रेरा में होना चाहिए, लेकिन प्रशासन ऐसा भी नही होने दे रहा है। शिकायत के आधार पर जब रेरा ने इन 302 अवैध कालोनियों को लेकर संज्ञान लिया और जिला प्रशासन से इन अवैध कालोनियों की जानकारी तलब की तो वह जानकारी भी जिला प्रशासन रेरा को उपलब्ध नहीं करा रहा है, इससे गंभीर सवाल खड़े हो रहे है। जब यह बात सार्वजनिक हो चुकी है कि तीन बार कलेक्टर को पत्र लिखने के बाद भी जानकारी नहीं भेजी गई और चौथी बार रेरा के सचिव नीरज दुबे ने कलेक्टर बैतूल अमनबीर सिंह बैस को व्यक्तिगत पत्र लिखा है। इस स्थिति के बाद लोगों का आंकलन यह है कि उन 302 अवैध कालोनाईजरों में कतिपय ऐसे कालोनाईजर भी है, जिन्हें कहीं न कहीं राजनैतिक वरदहस्त प्राप्त है और ऐसे कथित राजनेताओं का वरदहस्त प्राप्त है, जिनकी बात कलेक्टर के यहां खाली नहीं जाती है। बताया गया कि जब पूर्व में अवैध कालोनाईजरों पर एफआईआर हो रही थी तब भी कतिपय कालोनाईजरों को एफआईआर के मामले में भी कहीं न कहीं छूट दी गई। अब ऐसा क्यों हुआ और क्या कैसे हुआ यह भी जांच का विषय है, लेकिन रेरा को जानकारी न देना एक तरह से उन अवैध कालोनियों के रहवासियों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करने की श्रेणी में आता है। यदि इन कालोनियों पर रेरा के तहत कार्रवाई होगी तो निश्चित रूप से उन कालोनियों में रहने वाले रहवासियों को कालोनाईजर को सडक़, बिजली, पानी आदि तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी। यदि उक्त कालोनाईजर ऐसा नहीं करेगा तो रेरा उसके खिलाफ एक्शन लेगा और इस एक्शन में उसकी संपत्ति से विकास के लिए राशि जुटाई जाएगी।
- इनका कहना....
कलेक्टर बैतूल एक तरह से रेरा की अवमानना कर रहे है और उक्त कालोनियों के रहवासियों के मूलभूत अधिकारों की अवहेलना कर रहे है। इस मामले में मेरे द्वारा ही शिकायत की गई है।
-राशिद नूर खान, शिकायकर्ता।
- कलेक्टर बैतूल का जो काम करने का तरीका है वह बताता है कि मनमानी करते है और उन्हें लगता है कि वे नियम कायदों से ऊपर है। भविष्य में उन्हें इन कारणों से कोर्ट का सामना करना पड़ेगा।
-निकुंज गर्ग, रेरा एक्सपर्ट।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 27 नवंबर 2023