बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। शहर की प्यास बुझाने वाले एनीकट के पहले मलकापुर रोड पर नदी के अंदर अवैध तरीके से पुल बना दिया गया है। अगस्त माह में यह मामला सामने आने पर कलेक्टर ने एसडीएम को जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद इस पुल का काम बंद कर दिया गया था, लेकिन अब चुनाव के दरमियान जब पूरा प्रशासन चुनाव में व्यस्त था, इस पर स्लेब डाल दिया गया है। इस मामले में जांच अधिकारी रहे एसडीएम अभिषेक चौरसिया से पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्होंने तो जांच के बाद उक्त पिलर तोडऩे के आदेश दिए थे, अब स्लेब कैसे डल गया है, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। वे अब दिखवाएंगे कि यह सब कैसे हुआ। वहीं जल संसाधन विभाग के प्रभारी कार्यकालन यंत्री विपिन वामनकर का कहना है कि उनके विभाग में किसी भी तरह की अनुमति या एनओसी नहीं दी है और उनका यह भी कहना है कि नदी के अंदर किसी भी तरह का निर्माण बिना जल संसाधन की अनुमति के करना अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने दावा किया कि जो भी वहां माचना नदी पर ब्रिज का निर्माण कर रहा है उसे किसी भी तरह की कोई एनओसी नहीं दी गई है। वहीं यह सामने आ रहा था कि पीडब्ल्यूडी ने कोई एनओसी दे रखी थी, लेकिन इस तरह के मामलों में स्पष्ट है कि पीडब्ल्यूडी को नदी के अंदर किसी भी तरह के निर्माण के लिए एनओसी देने का कतई अधिकार नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस ब्रिज के बनने से माचना नदी का प्रवाह प्रभावित होगा। इस तरह के निर्माण से नदी के जीव जंतु और जैव विविधता प्रभावित होगी। जल संरचना पर बिना शासन की अनुमति के 33 मीटर नदी में और 10 मीटर नाले में निर्माण नहीं किया जा सकता, फिर माचना नदी में यह निर्माण कैसे हुआ और इसे तोडऩे की जगह इस पर स्लेब कैसे डाल दिया गया। पूरे मामले को लेकर बताया जा रहा है कि कथित रूप से अनुमति देने वाले पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को पूर्व में टीएल की बैठक में कलेक्टर ने खूब खरी खोटी सुनाई थी। अब कायदे से इस मामले में ब्रिज बनाने वाले के खिलाफ पहले एफआईआर होना चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि यह ब्रिज आम जनता की सुविधा के लिए नहीं बल्कि किसी के व्यवसायिक हित की पूर्ति के लिए बनाया जा रहा है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 29 नवंबर 2023