बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। माचना नदी पर बनाए गए अवैध पुल के मामले में यह तो साफ नजर आ रहा है कि नियम कायदों को ताक पर रखा गया है और इस लिहाज से पुल बनाने वाले के खिलाफ एफआईआर होना चाहिए और वरिष्ठ अधिकारियो ने उन अधिकारियों पर भी एक्शन लेना चाहिए, जिन्होंने पुल निर्माण करने वालों को घोषित या अघोषित रूप से मदद दी है। इस तरह से जल संरचना पर कोई भी निर्माण करने लगा तो फिर कोई भी नदी और नाला सुरक्षित नहीं बचेगा। बताया जा रहा है कि यहां पर एक बड़ी कालोनी डेव्हलप करने के लिए यह ब्रिज बनाया गया है और इस ब्रिज को बनाने के लिए जिम्मेदारों को मुंह बंद करने में भी अच्छी खासी रकम खर्च करने के आरोप लग रहे है? बताया गया कि यह मामला कलेक्टर ने टीएल में रखा था और इसमें जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल-जवाब हुए थे, अब इसके बावजूद यदि ब्रिज पर स्लेब डल रहा है और भराव किया जा रहा है तो इससे साफ नजर आता है कि किस स्तर पर कैसा-कैसा मैनेजमेंट किया गया है।
जो नियम कायदों के जानकार है उनका कहना है कि उक्त पुल की ड्राईंग डिजाईन पर ही गंभीर सवाल है। बिना ड्राईंग डिजाईन जिम्मेदार विभागों से अनुमोदित हुए ही पुल निर्माण का काम शुरू हो गया था और पिलर बना दिए गए थे। ऐसी स्थिति में सबसे पहले एफआईआर होनी चाहिए थी जो नहीं करवाई गई। इसके लिए नगरपालिका, आरईएस विभाग पीडब्ल्यूडी और जल संसाधन विभाग पूरी तरह से जिम्मेदार माने जाएंगे। अब इस पूरे मामले की सूक्ष्मता से जांच होना चाहिए ।

- इनका कहना...
- किसी भी जल संरचना पर इस तरह निर्माण नहीं कर सकते और हमारी तो कोई एनओसी नहीं है। इस मामले में एफआईआर जैसे लीगल एक्शन के लिए एक्सपर्ट की राय लेंगे । 
-विपिन वामनकर, ई. ई., जल संसाधन विभाग , बैतूल ।

- नगरपालिका ने इस संबंध में पूर्व में भी जल संसाधन विभाग को पत्र लिखा था। सीएमओ साहब से चर्चा के बाद जो भी लीगल एक्शन होगा, पुल निर्माणकर्ता के खिलाफ लिया जाएगा।
-महेशचन्द्र अग्रवाल, ई. ई., नगरपालिका, बैतूल।

- मामले में पुन: पुल निर्माणकर्ता को नोटिस दिया जा रहा है। उसका जवाब आने के बाद लीगल एक्शन लिया जाएगा। पूरे मामले में जो भी जिम्मेदार होगा, उस पर कार्रवाई होगी।
-अभिषेक चौरसिया, एसडीएम, बैतूल ।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 30 नवंबर 2023