बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। संबल योजना में पिछली जुलाई से भुगतान नहीं हुआ है। अकेले बैतूल जिले में 688 मृत्यु प्रकरणों में राशि का इंतजार मृतक के परिजन कर रहे है। बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र में 547 प्रकरण है। वहीं शहरी क्षेत्र में 141 प्रकरण है, जिसमें राशि का इंतजार किया जा रहा है। जो स्टेटस है उसके अनुसार प्रदेश में 29669 प्रकरण में राशि पिछले 6 माह से नहीं मिली है। यह वह प्रकरण है, जिनमें सभी तरह की कागजी खानापूर्ति हो चुकी है। केवल शासन की तरफ से राशि दी जाना शेष है। संबल योजना में मृत्यु पर मिलने वाली आर्थिक राशि ना डाले जाने का बड़ा कारण अधिवक्ता भारत सेन यह बताते है कि सरकार कर्ज ले लेकर तो अपना पूरा सिस्टम चला रही है। ऐसे में सरकार को वोट बैंक की राजनीति के लिए लाड़ली बहना योजना लांच करनी पड़ी। इस योजना में सरकार को बजट की जरूरत थी और इसलिए सरकार ने संबल जैसी योजनाओं में हाथ खींच लिया और खातों में राशि डालना बंद कर दी। यही कारण है कि लाड़ली बहना योजना पर सरकार का फोकस आया तब से संंबल योजना में मृतकों के वारसानों के खातों में पैसा नहीं डाला गया। इसी तरह की बात पत्रकार राज मालवीय भी कहते है और उनका कहना है कि संबल जैसी कैश आधारित प्रदेश सरकार की अन्य योजनाओं का भी है यदि पिछले 6 माह का हिसाब-किताब देखे तो वहां भी यही स्थिति नजर आएगी। 
उनका कहना है कि कांग्रेस या अन्य विपक्षी दलों ने यदि इन योजनाओं को मुद्दा बनाया होता तो भाजपा को जवाब देना मुश्किल हो जाता, लेकिन विपक्षी दलों ने भी ऐसा नहीं किया और प्रदेश की खराब माली हालत सहित संबल योजना में भुगतान न होना मुद्दा ही नहीं बन पाया। खैर जो भी हो, लेकिन जो प्रदेश की माली हालत खराब है और लाड़ली बहना में जिस तरह से हर माह एक बड़ी राशि जा रही है, उसे देखते हुए अभी हाल फिलहाल कोई संभावना नहीं है कि संबल में शासन राशि जारी करें। सबसे बड़ी बात यह है कि इस तरह के मामलों को लेकर कोई आवाज भी नहीं उठा रहा है।

- भविष्य में लाड़ली बहना में भी संबल की तरह स्थिति होगी : हेमंत
प्रदेश की माली हालत खराब है। सरकार कर्ज ले लेकर वाहवाही लूटने का काम करती है। आने वाले समय में यही सरकार हमारी बहनों के साथ भी संबल योजना के तरह ही बर्ताव करेगी। अभी चूंकि वोट लेना था, इसलिए हर महीने खाते में पैसे डाल रहे है, लेकिन आने वाले समय में संबल की तरह मृत्यु आर्थिक सहायता की तरह की हितग्राहियों से बर्ताव होगा। 
वर्ष 2018 के चुनाव के पहले शिवराज सरकार ने लागू की थी संबल योजना
 मप्र की शिवराज सरकार ने 2018 चुनाव के पहले संबल योजना लागू की थी, जिसमें राज्य सरकार द्वारा राज्य के करोड़ों असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना प्रारंभ की थी। इस योजना के तहत मृत्यु होने पर अंत्येष्टि राशि और सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रूपए की आर्थिक सहायता तथा दुर्घटना में मृत्यु होने पर चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। बाद में जब कमलनाथ सरकार आई तो उसने इसका नाम बदलकर नया सवेरा कर दिया था फिर वापस शिवराज सरकार आई तो उन्हें पुन: संबल कर दिया और 2023 में संंबल 2.0 भी लांच की गई।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 11 दिसम्बर 2023