(बैतूल) लाईसेंस में डीएसबी से पुलिस रिपोर्ट का फंडा क्या है रामसिंह से बेहतर कोई भी नहीं जानता , - बड़ा सवाल : मूल काम के अतिरिक्त करने वाले क्यों नहीं छोड़ना चाहते डीएसबी के अधिकारी-कर्मचारी
बैतूल (हेडलाइन)/नवल वर्मा। हैवी व्हीकल लाईसेंस या उसके रिनीवल में पुलिस रिपोर्ट लगती है। यह रिपोर्ट लेने में आरटीओ विभाग के कथित भृत्य रामसिंह को क्या-क्या नहीं करना पड़ता है यह बात केवल रामसिंह ही जानता है! वैसे पुलिस रिपोर्ट के लिए एसपी ऑफिस में फार्म जाना चाहिए और वहां एंट्री होना चाहिए और वहां से डीएसबी आना चाहिए या सीधे थाने जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता? अधिकांश आवेदन आरटीओ से सीधे डीएसबी ही आते है और यहीं से थाने भेजकर वेरीफिकेशन करवाया जाता है! बताया जा रहा है कि रामसिंह आरटीओ एजेंट से इस वेरीफिकेशन के लिए मिठाई के रूप में 500 रूपए लेता है? नाम ना उजागर करने की शर्त पर कुछ एजेंट ने बताया कि रामसिंह ने यकीन दिलाया है कि यह 500 रूपए की भेंट पूजा उसे वेरीफिकेशन कराने के लिए लगती है! अब ऐसे में सवाल यह है कि 500 रूपए डीएसबी में कौन ले रहा है और क्यों ले रहा है? जो भी हो लेकिन इसमें एक गंभीर मसला यह है कि आरटीओ ऑफिस से जो आवेदन आते है उसमें कवरिंग लेटर एसपी के नाम से रहता है। ऐसे में इन आवेदन का जवाब एसपी या एएसपी के माध्यम से ही जाना चाहिए, लेकिन देखने में यह आ रहा है कि डीएसबी प्रभारी अपने हस्ताक्षर से इन आवेदन और आवेदन का जवाब बनाकर भेजते है! , क्या यह नियमों के अनुसार जायज है यह बड़ा सवाल है?
जानकारों का कहना है कि हर महीने कम से कम 300 आवेदन ऐसे रहते है, जिसमें पुलिस रिपोर्ट की जरूरत पड़ती है। अब इस स्थिति में यह जांच का विषय है कि भृत्य रामसिंह कुशवाह अधिकांश आवेदन सीधे डीएसबी ही लेकर क्यों आता है, एसपी ऑफिस में जमा क्यों नहीं करता? इन आवेदनों का जवाब या रिपोर्ट एसपी ऑफिस के माध्यम से क्यों नहीं जाती, क्यों डीएसबी सीधे रामसिह अपने साथ लेकर जाता है?
- आखिर रामसिंह और डीएसबी प्रभारी का क्या कनेक्शन है..?
यदि इन सवालों का जवाब खोजा जाए तो यह बात स्पष्ट हो जाएगी कि डीएसबी में अधिकारी और कर्मचारी आसूचना संकलन और संस्थागत संगठनात्मक विषय का आवंटित कार्य ही करने के आदेश की क्यों अवहेलना करते है? पूरे मामले में विस्तृत जांच से दूध का दूध और का पानी हो जाएगा।
- क्या एसपी और एएसपी के स्थान पर हस्ताक्षर करने का डीएसबी प्रभारी को अधिकार है..?
पूरे मामले का सबसे गंभीर विषय यह है कि एसपी के नाम से आने वाले पत्र या आवेदन में सीधे स्वयं कार्रवाई करने या उन पत्रों में जवाब या पत्राचार करने का अधिकार डीएसबी प्रभारी को है? क्या डीएसबी अधिकारी उक्त पत्रों का जवाब अपने हस्ताक्षर से दे सकते है..?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 15 दिसम्बर 2023