बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। जिला विशेष शाखा में साहब तो साहब है, लेकिन अधीनस्थ अमला भी कम कलाकार नहीं है। बताया गया कि यहां पर पदस्थ रहे किसी विनय ने पूर्व में एक सडक़ दुर्घटना के मामले को रफा-दफा करवाया दिया था, जिन शर्तो के तहत मामला रफा-दफा हुआ था, उसके अनुसार जो दुर्घटना में घायल हुआ था उसको कहीं से कोई राहत नहीं मिली। बताया गया कि उक्त दुर्घटना संभवतः डीएसबी के ही अधिकारी /कर्मचारी के परिजन द्वारा की गई थी। इस मामले में उस समय डीएसबी में पदस्थ किसी विनय वर्मा नामक आरक्षक या प्रधान आरक्षक ने पूरे मामले को रफा-दफा करवाने की जिम्मेदारी ली थी। इस तथाकथित कर्मचारी ने मामले को किस ढंग से रफा-दफा किया इसको लेकर भी कई सवाल है? जो इस वाहन दुर्घटना में घायल हुआ उसके परिजनों का कहना है कि उपचार में उनके लाखों रूपए खर्च हो गए, लेकिन उन्हें आश्वासन और समझौते के मुताबिक किसी ने कोई मदद ही उपलब्ध नहीं करवाई। उनका कहना है कि जो घायल था उसका ईलाज नागपुर के न्यूरोन हॉस्पीटल में हुआ है और उसके तमाम बिल उनके पास उपलब्ध है। उनका कहना है कि वे सब पुलिस विभाग के लोग थे, इसलिए उन पर दबाव बनाकर यह सब मामले को रफा-दफा करवा लिया गया।

- बैतूल जिले में डीएसबी के कर्मचारी है वे सब अपना मूल काम नहीं करते है। इसके कई नमूने है। विभिन्न थानों में भी जो डीएसबी कर्मचारी के रूप में तैनात है वे भी अपना काम छोडक़र कुछ और ही करते नजर आते है। इन लोगों पर तमाम तरह के सवाल है। खैर हादसे में जो घायल हुए उसके परिजन उस घड़ी को कोसते है, जब उन्होंने डीएसबी के पुलिस वाले साहब की बातों में आकर मामले को रफा-दफा हो जाने दिया और पूरा ईलाज का आर्थिक बोझ उन्हें ही उठाना पड़ा..!
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 17 दिसम्बर 2023