कृष्णनगरी वृन्दावन में गन्दगी देख भड़के पूर्व केन्द्रीय सचिव डा. कमल टावरी, - भाग्योदय फाउंडेशन दिल्ली के मुख्य सलाहकार और पंचगव्य विद्यापीठम चेन्नई के कुलपति हैं डॉ. टावरी

वृंदावन/राम महेश जी मिश्र। भारत सरकार के पूर्व सचिव स्वामी डॉ. कमल टावरी (अब स्वामी कमलानन्द भाई) वृंदावन के परिक्रमा मार्ग पर गन्दगी देख भड़क गए। इस दौरान उन्होंने सन्तों के साथ बैठक करके क्षेत्र में स्वच्छता अभियान को धार देने के लिए झाड़ू उठाकर दो दिन सफाई अभियान चलाने का निर्णय लिया। उन्होंने मथुरा सांसद हेमामालिनी के निजी सचिव से भी बात की और श्रीकृष्ण नगरी में स्वच्छता मामले से अवगत कराया।
भाग्योदय फाउंडेशन के अध्यक्ष व संस्थापक आचार्य राम महेश मिश्र ने बताया कि डॉ कमल टावरी (अब स्वामी कमलानन्द भाई जी महाराज) सोमवार को वृंदावन पहुंचे। इस दौरान परिक्रमा मार्ग पर गुजरते समय गंदगी के ढेर देखकर कड़ी नाराजगी जताई। इसके बाद सुखधाम आश्रम में अ-सरकारी असर-कारी स्वाभिमानी अभियान, यूएनएसीसी की ओर से आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाभूमि में पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगाए जाने पर रोष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि वृंदावन की परिक्रमा करने से भक्त आंतरिक शांति प्राप्त करते हैं, लेकिन परिक्रमा पथ और आसपास गन्दगी देखकर भक्तों की आस्था को भारी ठेस पहुंचती है। निर्णय लिया गया कि सोमवार सायं और बुधवार को स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। स्वामी कमलानन्द महाराज ने गोवंश के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने पर जोर दिया।
दक्षिण भारत के चेन्नई स्थित पंचगव्य विद्यापीठम के कुलपति डॉ. कमल टावरी ने सन्तों से कहा कि गाय के पंचगव्य पर आधारित उत्पाद इस तीर्थ क्षेत्र में बनाए जाने चाहिए। सुखधाम आश्रम वृंदावन के बलराम दास महाराज बोले- वृंदावन की परिक्रमा का पथ भगवान श्रीकृष्ण की आराधना और आध्यात्मिकता संवर्धन के लिए जाना जाता है। वृदावन के दर्शन कर यहां आने वाले भक्तों को सन्तोष और आध्यात्मिकता का अनुभव होता है। अतः यह बिल्कुल सही है कि विश्वविख्यात इस धर्मनगरी को आंतरिक और बाह्य दोनों स्थितियों से स्वच्छ रखा जाना चाहिए।
इस मौके पर राम अवतार, डॉ. बृज गोपाल सिंह, संजीव आर्य, डा. हरीश कुमार, अरिहंत जैन, लक्ष्मी नारायण सारस्वत, राजीव मिश्र, अर्चना श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।