(बैतूल) सचिव शीला की वजह से मंडी हो रही है खराब, व्यापारियों में गुस्सा , - मंडी में आवक कम हो रही, बाहर बिक रहा माल, व्यवस्था सुधारने में नहीं ली जा रही रूचि
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा।जबसे कृषि उपज मंडी बैतूल में बतौर मंडी सचिव शीला खातरकर की पोस्टिंग हुई है, तबसे मंडी में व्यापारियों में गुस्सा और असंतोष का भाव देखा जा रहा है। जो बार-बार सामने आ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह की व्यवस्थाएं मंडी में चल रही है, उसकी वजह से मंडी में आवक कम हो रही है और मंडी के बाहर ही खरीद फरोख्त हो रही है और इसकी वजह से मंडी की आय कम हो गई है। साथ ही मंडी का व्यापार खत्म होते जा रहा है। व्यापारियों द्वारा पिछले 15 दिन में 3 बार मंडी के अंदर बैठक ली गई और जिस वजह से मंडी में व्यवस्था ध्वस्त हो रही है उन पर खुलकर बात की गई और अन्य व्यापारी और किसानों से इस संबंध में चर्चा की गई। बताया गया कि पिछले एक माह में अनाज व्यापारी रक्कू शर्मा, आलोक मालवीय, लुनिया जी, पवन अग्रवाल आदि ने सभी व्यापारियों तथा किसानों से मंडी की मूल समस्या को लेकर खुलकर बात की। बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने मंडी में नगद भुगतान न होने और भुगतान में कटौती को लेकर स्पष्ट कहा कि इस व्यवस्था में सुधार न होने से मंडी में किसान माल लेकर आने से बचते है और बाहर ही बेचना पसंद करते है। बताया जा रहा है कि बैतूल की उपज अब हरदा, इटारसी, परतवाड़ा आदि मंडियोंं में जा रही है। मंडी सचिव शीला खातरकर द्वारा मंडी की व्यवस्थाओं को लेकर कोई रूचि नहीं ली जा रही है। उनके द्वारा मंडी में नगद भुगतान को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
बताया गया कि अभी कुछ दिनों पूर्व ही अनाज तिलहन संघ के प्रतिनिधि प्रमोद अग्रवाल ने मंडी में नगद भुगतान और कटौती बंद किए जाने को लेकर बकायदा लिखित ज्ञापन दिया गया था, इसके बावजूद सचिव द्वारा इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और इसके बाद से व्यापारियों में खासी नाराजगी है और मंगलवार को इन्हीं सभी समस्याओं के निराकरण न होने को लेकर व्यापारियों की एक विशेष बैठक सरले मैरिज लॉन में शाम के समय आहूत की गई है। मंडी सचिव का पक्ष जानने उनके मोबाईल पर संपर्क किया गया, लेकिन बात नहीं हो पाई।
- कथित अकाउंटेंट के साथ सचिव अलग ही मुहिम में लगी नजर आती है...
मंडी में व्यापारियों से चर्चा से यह बाहर आया कि वर्तमान मंडी सचिव मंडी में आने वाली आवक से ज्यादा बाहर होने वाली उपज की आवाजाही को लेकर ज्यादा रूचि लेती है। बताया गया कि मंडी में जो उपज नहीं आ रही है और जो बाहर की बाहर आवक हो रही है उस पर पैनी नजर रखती है और उसमें अपने गुणा भाग का पूरा ख्याल रख्ती है और कहते है कि इस काम में उनकी मदद कोई अकाउंटेंट कर रहा है। उनके इस सिस्टम की वजह से उनका गणित जम जाता होगा, लेकिन इससे मंडी के टैक्स से प्राप्त होने वाले राजस्व का नुकसान हो रहा है। यह बात सभी को पता है और इसलिए व्यापारियों में भी असंतोष देखा जा रहा है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 10 जनवरी 2024