(बैतूल) आमला के बाद अब चिचोली में भी विवाद का कारण बन रहे बुड़ेकर..! - हरदू आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भर्ती के कारण एक बार फिर चर्चा में आ गए सीडीपीओ..?
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। वर्तमान में महिला एवं बाल विकास विभाग चिचोली में पदस्थ सीडीपीओ चयेन्द्र बुड़ेकर एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए है? उन पर हरदू में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भर्ती को लेकर ऊंगलियां उठ रही है? यहां पर आंगनवाड़ी सहायिका ने ही अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए गंभीर आरोप लगाए है? उसका कहना है कि एक ही राशन कार्ड में दो बहनों का नाम होने पर एक को गरीबी रेखा के लिए पात्र माना जा रहा है और दूसरी को नहीं?
इसके अलावा सहायिकाओं के प्रमोशन संबंधी दिशा निर्देशों की अवहेलना के आरोप भी लगाए गए है! हरदू आंगनवाड़ी केन्द्र की भर्ती का मामला सामने आने के बाद डीपीओ ने भर्ती से संबंधित पूरी फाईल ही तलब कर ली है? वहीं इस भर्ती की वजह से एक बार फिर सीडीपीओ चयेन्द्र बुड़ेकर पर सबकी नजर चली गई है? आमला पदस्थापना को लेकर भारी विवादों में रहे चयेन्द्र बुड़ेकर को सस्पेंड भी किया गया था और उनकी दो वेतन वृद्धि संचय प्रभाव से रोकी गई है। गौरतलब रहे कि चयेन्द्र बुड़ेकर पर आमला में भी भर्तियों में गड़बड़ी करने के आरोप लगे थे। इन आरोपों की जांच डीपीओ द्वारा की गई थी। इसके साथ ही उन पर और भी आर्थिक अनियमितता के आरोप लगे थे। इन आरोपों को लेकर भी जांच हुई थी। तमाम जांच में डीपीओ ने कार्रवाई की अनुशंसा की थी और उस आधार पर कमिश्रर ने आमला पदस्थापना के दौरान चयेन्द्र बुड़ेकर के खिलाफ तगड़ा एक्शन लेते हुए उनकी दो वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए थे। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस तरह के विवादित अधिकारी को एक बार फिर फील्ड में पोस्टिंग दे दी गई है। जिसके खिलाफ जांच सिद्ध पाई गई हो जिस पर विभागीय कार्रवाई हुई हो उसे फील्ड पोस्टिंग क्यों दी गई यही एक बड़ा सवाल है?
कानून के जानकार का कहना है कि यदि किसी के खिलाफ आर्थिक अनियमितता के मामले में विभागीय जांच सिद्ध होती है और विभागीय स्तर पर कार्रवाई होती है तो हाईकोर्ट की रूलिंग के अनुसार उक्त कर्मचारी या अधिकारी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज होना चाहिए? अब सवाल यह है कि चयेन्द्र बुड़ेकर के खिलाफ इस तरह का लीगल एक्शन लेने की जगह उन्हें फील्ड पोस्टिंग क्यों दी गई?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 12 जनवरी 2024