(बैतूल) चमकविहीन के चक्कर में कम कीमत में कृषि मंडी में गेहूं बेच रहे है किसान , - समर्थन मूल्य खरीदी में एफक्यू लेवल में छूट के आदेश का हो रहा इंतजार
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। समर्थन मूल्य खरीदी में वर्तमान में बोनस सहित समर्थन मूल्य की राशि वर्तमान में मंडी भाव से ज्यादा है, लेकिन इसके बावजूद मंडी में गेहंू की आवक ज्यादा है और वहां पर कम दाम में किसान गेहूं बेच रहा है। इसका बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि बैतूल जिले में बारिश होने के कारण अधिकांश क्षेत्र में गेहूं की फसल पर मार पड़ी और वह चमकविहीन हो गया है। ऐसी स्थिति में किसान का सेम्पल फेल हो रहा है। इसलिए उसे मजबूर होकर मंडी में गेहूं बेचना पड़ रहा है। किसान नेता सुमित शुक्ला का कहना है कि मंडी में 2100-2200 के दाम पर किसान गेहंू बेच रहे है, क्योंकि अभी तक सरकार ने चमकविहीन गेहूं को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। वर्तमान में एफसीआई के लिए करीब ढाई लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदना है, लेकिन चमकविहीन होने के कारण खरीदी नहीं हो पा रही है। बताया जा रह है कि पिछले दिनों एफसीआई एक टीम दिल्ली से आई थी, वह सेम्पल लेकर गई है, लेकिन अभी तक चमकविहीन को लेकर कोई भी छूट वाला निर्णय सामने नहीं आया है और इसलिए किसान समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्र पर अपनी उपज लेकर नहीं जा रहे है और न ही स्लॉट बुक करा रहे है। स्थिति यह है कि जिले में 65 खरीदी केन्द्र में से 64 पर खरीदी हो रही है, जिसमें 20 हजार 885 किसानों का पंजीयन है और करीब 1 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य है। शुक्रवार को 52 स्लॉट बुकिंग के साथ 321 स्लॉट बुक किए गए है। जिसमें वास्तविक रूप से 22 किसान खरीदी केन्द्र पर पहुंचे, जिसमें 157.10 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की गई है। इसमें से 37.70 लाख रूपए का भुगतान शेष है।
किसान कांग्रेस के अध्यक्ष रमेश गायकवाड़ का कहना है कि सरकार ने समय रहते चमकविहीन गेहूं को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया, जबकि जिले में जिस तरह से जनवरी-फरवरी में बारिश हुई है, उसे देखते हुए गेहूं का चमकविहीन होना तय था, इसके बावजूद आचार संहिता लगने के पहले इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया और आज किसान परेशान हो रहा है और उसे समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वह 100-200 रूपए कम में अपनी उपज मंडी में बेचने को मजबूर है। उनका कहना है कि वर्तमान में शादी विवाह का सीजन होने से किसान को पैसे की जरूरत है। वहीं उनका कहना है कि समर्थन मूल्य में समय पर भुगतान नहीं होता है। इसलिए भी किसान मंडी जा रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार को जल्द फैसला लेना चाहिए।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 06 अप्रैल 2024