बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। ग्राम पंचायत गोराखार सरपंच महेश रावत की दो समग्र आईडी का मामला ही नहीं है, बल्कि उनके दो राशन कार्ड का भी मामला है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने अपना कौन सा राशन कार्ड कब सरेंडर किया और किया है भी या नहीं? हालांकि आरटीआई में जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार तो उन्होंने जब सरपंच का चुनाव लड़ा तभी बैतूल नगरपालिका क्षेत्र का राशन कार्ड था। महेश रावत के सरपंच चुनाव लडऩे के बाद 4 अप्रैल 2023 को एक शिकायत जिला पंचायत सीईओ को होती है। इस शिकायत में बताया जाता है कि सरपंच महेश रावत ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ा है और उनका निर्वाचन निरस्त करने की मांग की जाती है। जिला पंचायत सीईओ को की गई उक्त शिकायत आरटीआई में जो जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है, उसमें बताया गया कि नगरपालिका क्षेत्र बैतूल के मोती वार्ड क्रमांक 11 में महेश कुमार पिता शंकरदयाल को जारी राशन कार्ड क्रमांक 031124 खाता क्रमांक पर दर्ज है। जिसमें महेश कुमार रावत 38 वर्ष मुखिया, ममता बाई रावत उम्र 45 वर्ष पत्नि, आयुष रावत उम्र 09 पुत्र और खुशी रावत 05 पुत्री का नाम दर्ज है। अब इस स्थिति में बड़ा सवाल यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में किस आधार पर सरपंच महेश रावत ने चुनाव लड़ा। बताया जा रहा है कि यह राशन कार्ड वर्ष 2000 से 2005 के दरमियान बना है जो कि अलग से जांच का विषय है? वहीं महेश रावत का 2015 में ग्राम गोराखार में भी एक राशन कार्ड बना है। 21 अगस्त 2015 को महेश रावत को राशन कार्ड सीरियल क्रमांक 1885 जारी किया गया था। जिसमें मुखिया के नाम महेश रावत पिता शंकरदयाल दर्ज था। इनकी उम्र 48 वर्ष बताई गई। इस राशन कार्ड में उनकी पत्नि का नाम माधुरी रावत दर्ज है। जिस तरह से दो राशन कार्ड का उपयोग महेश रावत कर रहे है। उच्च शिक्षित और कानून के जानकार होने के बावजूद भी दूसरा राशन कार्ड बनाते समय उन्होंने अपना पहला राशन कार्ड सरेंडर कर बंद नहीं करवाया? यदि करवाया होता तो जिला पंचायत सीईओ को हुई शिकायत में सीएमओ नगरपालिका बैतूल शहरी क्षेत्र के राशन कार्ड का उल्लेख अपने जांच प्रतिवेदन में नहीं करते। गौरतलब रहे कि नगरपालिका बैतूल का यह प्रतिवेदन 2 अगस्त 2023 को जिला पंचायत को दिया गया, इस लिहाज से तो 2 अगस्त तक तो महेश रावत के पास दो राशन कार्ड थे और वे मई 2022 में चुनाव लड़े और सरपंच निर्वाचित हुए? मतलब यह है कि गोराखार सरपंच का चुनाव लड़ते समय उनके पास दो राशन कार्ड और दो समग्र आईडी है जो अपने आप में ही एक फर्जीवाड़ा है? इस लिहाज से नियम अनुसार तो उनके सरपंच के निर्वाचन की जांच होकर कार्रवाई होना चाहिए?

- वन नेशन वन राशन कार्ड की धज्जियां उड़ा दी गोराखर सरपंच ने...
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वन नेशन वन राशन कार्ड की अवधारणा की सरपंच महेश रावत ने धज्जियां उड़ा दी है। मध्यप्रदेश में जब 2022 में यह वन नेशन वन राशन कार्ड लागू हो चुका है, इसके बावजूद महेश रावत के दो राशन कार्ड होना ही पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है और ऐसी स्थिति में कायदे से उचित कार्रवाई होना चाहिए?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 13 मई 2024